कानपुर। डेंगू और बुखार ने कानपुर में अपने फैला लिए है। बुधवार दोपहर 12 बजे तक पिछले 24 घंटों में शहर में 8 से ज्यादा मौतें डेंगू से हो चुकी है। इसमें दो मासूम भी शामिल है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें शहर के हर क्षेत्र में पहुंच कर डोर टू डोर सर्वे कर रही है। लेकिन उसके बावजूद डेंगू के मरीजों के मरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
हैलट के हाल बेहाल है, इलाज के लिए आ रहे मरीजों को हैलट में जगह नहीं मिल पा ही है। मेडिसिन वार्ड पूरी तरह भरा हुआ है, एक बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है। मेडिसिन वार्ड में तैनात जूनियर डॉक्टर शालिनी ने बताया, यहां जितने भी मरीज आ रहे है उनमें बाहरी जिले के मरीजों की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा जितने भी मरीज आ रहे है उन्हें निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ ज्यादा है। मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी भी देखने को मिली है।
बाल रोग विभाग की इमरजेंसी में टोटल 11 बेड है, लेकिन यहां आने वाले बाल मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। एक बेड पर तीन से चार बच्चों का इलाज इमरजेंसी में हो रहा है। इन मरीजों का इलाज करने वाले 6 डाक्टरों में से तीन को भी तेज़ बुखार है, लेकिन इसके बावजूद सभी डॉक्टर मरीजों की सेवा में लगे हुए है।
शहर में अब तक 100 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिल चुके है। यह रीज कल्याणपुर, टिकरा , कुरसौली,सरसौल ,शिवराजपुर, गोदरा, ककवन, घाटमपुर, बिधनू, चौबेपुर,बिल्हौर, पतारा, और भीतरगांव में पाए गए है। इन लोगों में से जो लोग गंभीर अवस्था में है उन्हें हैलट भेजा गया है, साथ ही जो घर पर रह कर ठीक हो सकते है उन्हें विभाग दवाइयां मुहैया कराकर उनके घरों के आसपास एंटी लार्वा छिड़काव और फोगिंग कर रहा है। साथ ही डेंगू के प्रति जागरूक कर रहा है।
इतनी संख्या में मरीज मिलने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय हो चुका है। एक भी मरीज मिलने पर 50 घर आसपास के हॉटस्पॉट बना दिए जाएंगे और यह तब तक रहेगा जब तक की आसपास रहने वाले सभी लोगों की जांच नहीं हो जाती और पीड़ित ठीक नहीं हो जाते। स्वास्थ्य विभाग इन सभी घरों पर छिड़काव करेगा और लगातार इनपर निगरानी रखेगा।डेंगू लार्वा का एक चक्र होता है जिससे डेंगू के मच्छर का झुण्ड उसके आसपास ही रहता है, उसे ढूंढ कर उसे खत्म करेगा।
