कानपुर देहात की डेरापुर तहसील में तैनात कानूनगो सुभाषचंद्र को निलंबन आदेश का पत्र मिलने के बाद हार्टअटैक आ गया। स्वजन देररात जिला अस्पताल लेकर आए, लेकिन जान न बच सकी। एक माह बाद वह सेवानिवृत्त होने वाले थे।
आठ नवंबर को संपूर्ण समाधान दिवस में डेरापुर तहसील में सुनवाई के समय एक महिला ने सुभाषचंद्र पर रुपये लेने का आरोप लगाया था साथ ही उसका काम भी न करने की शिकायत की थी। इस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। निलंबन का आदेश बुधवार दोपहर को उनको घर पर रिसीव करा दिया गया था। बेटे वीरेंद्र ने बताया कि इसके बाद से पिता परेशान हो गए थे। देररात दो बजे करीब बेचैनी के साथ सीने में दर्द होने की शिकायत पर डेरापुर सीएचसी लेकर गए जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां पहुंचने पर उनकी मौत हो गई। इससे बेटे वीरेंद्र, राघवेंद्र, शिवम, पुत्रियां प्रीति, पूजा, गायत्री का रोकर बुरा हाल हो गया। वीरेंद्र ने बताया कि पिता की नौकरी को केवल एक माह बचे थे। उनके मौत की जानकारी पर तहसील के कई अधिकारी व कर्मचारी उनके आवास पर पहुंचे और शोक जताया। डेरापुर थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार जायसवाल ने बताया कि स्वजन ने पोस्टमार्टम कराने के लिए तहरीर दी थी, जिस पर शव को भेजा गया था।
