प्रदेश में दोबारा भाजपा की सरकार बनने के बाद बाहुबली माफिया अतीक अहमद की मुश्किलें अब और बढ़ेंगी। खासतौर से इस बार उसके मददगार पुलिस प्रशासन के रडार पर होंगे। यह वह लोग हैं जिनके जरिए माफिया जेल में होने के बावजूद अपने धंधे संचालित कर रहा है। यह मददगार सफेदपोश बनकर अतीक के लिए काम कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बार संपत्तियों के साथ ही इनके धंधों पर भी चोट होगी।
चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद सीएम योगी खुद यह बात कह चुके हैं नए कार्यकाल में माफिया के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा। पिछली सरकार में माफिया पर शिकंजा कसा गया और इस बार इसे पूरी तरह से खत्म किया जाएगा। भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में पुलिस ने अभियान चलाकर जिन माफिया के साम्राज्य की कमर तोड़ी, उनमें अतीक अहमद भी मुख्य रूप से शामिल था।
तमाम मददगारों तक नहीं पहुंच सकी है पुलिस
पूर्व सांसद के करोड़ों की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क की गई तो अवैध रूप से बने मकान, भवन भी बुलडोजर चलवाकर जमीदोंज कराए गए। यही नहीं उसके गैंग के सदस्यों व अन्य गुर्गों पर भी कार्रवाई हुई। लेकिन माफिया के वह मददगार कार्रवाई से अछूते रहे। यही वजह है कि हजारों करोड़ों की चोट के बावजूद माफिया जेल से भी खेल करता रहा।
सूत्रों का कहना है कि अतीक के कई मददगार अब भी उसके लिए प्रॉपर्टी डीलिंग समेत अन्य धंधे संचालित कर रहे हैं। इसके बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में माफिया के यह मददगार ही सबसे ज्यादा रडार पर होंगे। उनकी संपत्तियों के साथ ही उनके धंधों व इसमें लगने वाले धन के स्रोत की भी जानकारी जुटाई जाएगी। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
बेटा, गुर्गे असाद व खचौली ढाई महीने बाद भी पकड़ से दूर
करोड़ों की चोट देने के बावजूद अतीक व उसके करीबियों पर असर न होने का एक मामला पिछले साल 31 दिसंबर को सामने आया था। करेली में उसके बेटे अली व गुर्गों खचौली व असाद समेत अन्य ने पांच करोड़ की रंगदारी न देने पर प्रॉपर्टी डीलर जीशान व उसके रिश्तेदारों पर हमला बोल दिया था।
साथ ही बुलडोजर चलाकर उसका कार्यालय ढहा दिया था। इस मामले में अतीक का बेटा 25 हजार का इनामी भी हुआ लेकिन ढाई महीने बीतने को हैं और अब तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। मामले में नामजद खचौली चार मुकदमों का आरोपी है लेकिन वह भी पुलिस को छका ही रहा है। इसके अलावा असाद पर आठ मुकदमे हैं लेकिन एक को छोड़कर वह किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं हुआ।
गौरतलब है कि खचौली अतीक का करीबी है जबकि असाद प्रॉपर्टी डीलिंग करता है। सूत्रों का कहना है कि इस केस में भी वह अग्रिम जमानत के लिए हाथ-पांव मार रहा है। यही नहीं आरोपी फरार होने के बावजूद पीड़ित पर केस वापस लेने को तरह-तरह से दबाव बना रहे हैं जिससे वह दहशत में है।
ईडी भी तेज करेगी कार्रवाई
सूत्रों का कहना है कि अतीक पर प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई भी अब तेज होगी। गौरतलब है कि ईडी ने पिछले साल उस पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। जिसमें उसके10 खाते सीज करते हुए करोड़ों की संपत्ति अटैच भी की थी। ईडी उसकी अन्य संपत्तियों का तो सुराग जुटा ही रही है, ऐसे लोगों का भी पता लगा रही है जो पर्दे केपीछे से अतीक के मददगार हैं। उसकेकाम धंधों को संचालित कर रहे हैं और अवैध रूप से कमाई गई उसकी ब्लैकमनी को व्हाइट कर रहे हैं।
गुर्गे ने बेची थी पीडीए की जमीन
अतीक के जेल में होने के बावजूद उसके गुर्गों के खेल करने का एक मामला कुछ महीने पहले सामने आया था। जिसमें राजरूपपुर निवासी वीणा श्रीवास्तव को अतीक के गुर्गे नबी अहमद ने पीडीए की जमीन का बैनामा कर दिया था। बाद में इस धोखाधड़ी की जानकारी पर पीड़िता ने मुकदमा भी दर्ज कराया लेकिन धूमनगंज पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित वृद्ध दंपति का कहना है कि अगले महीने उनकी बेटी की शादी है। वह कई जगह गुहार लगा चुके लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
माफिया के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। उनकी संपत्तियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया जाएगा। जिन मुकदमों में कार्रवाई लंबित है, उसमें भी तेजी लाई जाएगी। – अजय कुमार, एसएसपी