मुरादगंज,औरैया। दिसम्बर जूहीखाका पंचनद धाम औरैया कोरोना कहर का असर जिस प्रकार से मनुष्य जीवन तथा अन्य प्राणी जातियों पर पड़ा है उसका असर कहीं ना कहीं नदियों पर भी देखा जा रहा है।
हमारे प्रतिनिधि ने कुछ दिन पहले किया था प्रशासन को सूचित नदियों के संगम पंचनद धाम का दौरा किया तो देखा कि यहां यमुना, चंबल, सिंध, पहूज और कुंवारी नदियां जो यमुना में आकर मिलतीं हैं वह पानी भी जहरीला हो गया है जो बहुत ही बदबूदार गंदा है नदियों में जाने से लोग कतरा रहे हैं क्योंकि नदी में जले अधजले शवों को फेंका जाना तथा चिताओं की राख बोरों में भरकर के पानी में फेंकने से नदियां दूषित और जहरीलीं हो गईं हैं, बताते चलें की कोरोना का वायरस पानी में रहते हुए कभी खत्म नहीं होता है उसी का कारण है कि यहां पर लाखों जल जीव मछलियां बेमौत मर रहे हैं और इन मछलियों को ठेकेदारों द्वारा बाजारों में लेकर बेचने से और उन्हें खाने से जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है।अभी कुछ दिन पहले हमारे मनोज तोमर ने इस विषय को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चेताते हुए ख़बर लिखी थी की नदियों में बेतरतीब ढंग से जले अधजले शवों और जली हुई चिताओं की राख को नदियों में प्रवाहित करने से एक बड़ा खतरा सामने आ सकता है और उसी को ध्यान में रखते हुए नदियों पर प्रशासन को निगरानी रखने के लिए बोला गया है लेकिन हमारे मंडल ब्यूरो ने जब देखा तो पाया कि नदियों का पानी इतना जहरीला हो गया है कि जलचर मछलियां सभी बेमौत मर रहे हैं और हो सकता है कि नदी तटों पर बसे गांव में भी इसका कहीं कुप्रभाव न पड़ जाए जिससे आम जनमानस को भी प्रभावित कर सकता है।
2021-05-20

