कानपुर
बदलते दौर में अपराधियों ने अपराध का तौर-तरीका भी बदल लिया है, अब गोली बंदूक की जगह कम्प्यूटर का सहारा लेते हुए सायबर अपराध किये जा रहे है । बढ़ते सायबर अपराध के कारणों में पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या भी पहले से अधिक होती जा रही है । सायबर थाने के आंकड़े इस बात की गवाही खुद देते है, वर्ष 2023 में जनवरी से दिसम्बर के बीच कुल 34 अभियोगों में लगभग 4करोड़75लाख के मामले सामने आए थे वही अभी 2024 में 3 महीने के भीतर ही 46 मामले दर्ज हो चुके है जिनमे 6करोड़72 लाख तक के मामले सामने आ चुके है ।
सायबर अपराध के बारे में बात करते हुए डीसीपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि सायबर अपराध को रोकने में सबसे आवश्यक होता है जागरूकता, यदि आप जागरूक है सजग है तो आपके साथ सायबर अपराध की संभावना न्यूनतम हो जाती है । पुलिस ने सायबर अपराधों के लिए अलग से सायबर थाने की व्यवस्था भी की है जिसमे 5लाख से अधिक की रकम पर विशेष तौर पर प्रशिक्षित सायबर अपराध उन्मूलक टीम काम करती है और पीड़ित को जल्द से जल्द राहत दिलाने का काम करती है, 5लाख से नीचे के अपराधों में पीड़ित अपने नजदीकी थाने में अपराध दर्ज करवा सकता है ।