कुर्बानी में अपने रिश्तेदारों और ज़रूरतमंदों का ध्यान भी रखें

मदरसा जामे उल उलूम जामा मस्जिद पटकापुर के ज़ेरे एहतमाम बिरहाना रोड और बाबूपुरवा में जलसे का आयोजन

कानपुर : मदरसा जामे उल उलूम जामा मस्जिद पटकापुर के ज़ेरे एहतमाम मुहीउद्दीन खुसरू ताज की सरपरस्ती में जारी 9 दिवसीय प्रोग्राम ‘फज़ायल व मसायल और तारीख़े कुर्बानी’ के तहत मस्जिद दारे अरक़म बाबूपुरवा और मस्जिद सूफी साहब बिरहाना रोड पर जलसे आयोजित हुए। मस्जिद अरक़म बाबूपुरवा में सम्बोधित करते हुए मुफ्ती अमीरूल्लाह क़ासमी ने कहा अल्लाह ने मज़हबे इस्लाम के रूप में दुनिया में जीवन गुज़ारने के लिए एक पूरी व्यवस्था दी है, अगर हम इस व्यवस्था को समझने का प्रयास करें तो किसी तरह का संशय और भ्रम की स्थिति नहीं रह जायेगी। कुर्बानी के दिन आ रहें हैं, हमें चाहिए कि इस खुशी में अपने रिश्तेदारों और ज़रूरतमंदों का ध्यान भी रखें।
दूसरी जानिब मस्जिद सूफी साहब नील वाली गली बिरहाना रोड में सम्बोधित करते हुए मुफ्ती मुहम्मद हस्सान क़ासमी ने हज़रत इब्राहीम अलै0 और हज़रत इसमाईल अलै0 की कुर्बानियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हम मुसलमान हैं, हमें चाहिए कि हम अपनी मर्जी को अल्लाह की मर्जी के आगे झुका दें। नबी स0अ0व0 की सुन्नत को अपनाने वाले बनें, इससे हमें दुनिया के साथ-साथ आखि़रत में भी बड़ा फायदा होगा, हम अल्लाह के नज़दीक महबूब और पसंदीदा बन्दे बन जायेंगे। इस अवसर पर मौलाना मुहम्मद आसिफ साक़िबी, मौलाना अज़हर मज़ाहिरी, हाफिज़ मुहम्मद अख़्लाक़ जामई, मौलाना हसीबुर्रहमान जामई, मौलाना मुहम्मद मज़हर क़ासमी के अलावा अवाम मौजूद रहे।

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