भगत कबीर व सिखों के छठवें गुरु गुरु हरगोविन्द सिंह का जन्मदिन गुरमत समागम के रूप में मनाया

 

 

22 जून गुरुद्वारा बाबा नामदेव मे भगत शिरोमणी भगत कबीर व सिखों के छठवें गुरु गुरु हरगोविन्द सिंह का जन्मदिन गुरमत समागम के रूप में मनाया गया। किर्तनी लाल सिंह फकर ने बाणी

“दल भंजन गुरू सूरमा वड जोधा बहु परउपकारी अरजन काया पलट के मूरति हरिगोविन्द सवारी” और कबीर जी के शब्द”कबीर मेरी सिमरनी रसना उपर राम- मेरा मुझमे किछु नाहि जो किछु है सो तेरा”गुरुमत दीवान मे बताया गया गुरु हरिगोविन्द ने धर्म व राजनीति मे समन्वय रखने के लिये दो तलवारें मीरी पीरी के नाम से धारण की अमृतसर मे अकाल तख्त का निर्माण कराया कबीर द्वारा अपनी वाणी दोहों द्वारा संसार मे हो रहे धार्मिक प्रखण्ड व कुरीतियों पर प्रहार करते हुये हर जाति के लोगो को प्रभू के सिमरन से जोड़ते हुये निराकार ब्रह्म की उपासना का बल दिया।इस विशेष अवसर पर एलायंस क्लब इन्टरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 155 द्वारा गुरुद्वारे मे वाटर कूलर, आर.ओ. मशीन एलायंस इन्टरनेशनल प्रेसिडेन्ट सरिता वर्मन द्वारा समर्पित करते हुए उद्घाटन किया गया। कानपुर संघ प्रमुख संचालक भवानी भीख द्वारा सरोपा देकर सम्मनित किया गया।इस विशेष मौके पर इन्द्रजीत कौर, डा. त्रिपता, डा. मनमीत सिंह, जगदीश सत्ती, आई०एन०गुप्ता, गुरदीप सहगल, अशोक अरोड़ा, चरनजीत सिंह, असरानी, अंकुर दीक्षित विशेष रूप से उपस्थित थे। दिवान की समाप्ति उपरान्त परम्परागत मिस्सी रोटी, प्याज, अचार व नमकीन लस्सी का लंगर वितरित किया गया।

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