आज दिनांक 28-06-2024 को सखी केंद्र एवं नेशनल एलायंस ऑफ वूमेन के संयुक्त तत्वाधान में मरचेंट चैंबर हॉल में एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला की गई, जिसमें “कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम 2013” के तहत बनी हुई स्थानीय शिकायत समिति, आंतरिक शिकायत समिति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु चर्चा की गई। कार्यक्रम में लगभग 120 प्रतिभागी रहे
प्राची त्रिपाठी जी ने सभी का स्वागत किया, आज की कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और कार्यक्रम का संचालन भी किया।
सखी केंद्र की महामंत्री नीलम चतुर्वेदी जी ने बताया कि पूरी दुनिया में जो महिलाएं घर से बाहर काम करती हैं उनका वहां लंबा समय बीतता है, वह घर बाहर दोनों की जिम्मेदारियां उठाती हैं. जिस तरह से घर के अंदर होने शारीरिक, मानसिक, योनिक उत्पीड़न का उन पर गहरा असर होता है ठीक उसी तरह से कार्य स्थल पर होने वाली किसी भी तरह की छेड़छाड़ या योनिक उत्पीड़न का उनके पूरी कार्य पारिवारिक जीवन एवं उनकी पूरी जिंदगी में प्रभाव पड़ता है
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम के तहत बनी हुई आईसीसी (आंतरिक शिकायत समितियो ) को हर प्रतिष्ठानों हर जगह पर मजबूत करने के साथ-साथ LCC (स्थानीय शिकायत समिति) का बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार एवं प्रभावी रूप से लागू करने क्रियान्वन की जरूरत है क्योंकि इस कमेटी के ऊपर कानपुर का बहुत बड़ा हिस्सा कामकाजी महिलाओं का निर्भर है जगह-जगह कमेटियों को बढ़ाने का,
तमाम सेमिनार चर्चाएं आदि करने की लोगों को बताने की किस तरह की लोकल कमेटी आपके लिए बनी है और कार्य कर रही है बहुत जरूरत है
सखी केंद्र की अध्यक्ष डॉ आशा त्रिपाठी जी ने कार्यक्रम में आए हुए सभी का स्वागत करते हुए कहा कि सखी केंद्र हमेशा से बहुत महत्वपूर्ण विषय पर चिंतन व मनन करता चला आ रहा है। परंतु POSH एक्ट की इतनी विस्तार से जानकारी आम जनता को नहीं है। केवल कागजों पर ही है, इसे धरातल व जमीनी स्तर पर लाने का जो प्रयास सखी केंद्र ने उठाया है, वह बहुत अच्छा प्रयास है। मीडिया भी हमारे लिए एक अच्छा माध्यम होगा जो की POSH एक्ट की जानकारी लोगों तक पहुंचने में मददगार साबित हो सकती है।
MSME से सुनील जी ने कहा कि महिलाएं POSH एक्ट की मदद ले, उसको अनदेखा न करें। हमारे यहां POSH एक्ट कमेटी बनी है उसे और सक्रिय से हर तीन माह में मीटिंग की जाती है साथ ही जो शिकायत आती है तो उन्हें गंभीरता से लिया जाता है
क्राइस्ट चर्च कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्या नीता जैन जी ने कहा कि आज का विषय बहुत संवेदनशील है, और आप घबराइए नहीं हम सभी आपके साथ हैं, कहीं कोई भी समस्या आती है तो, उसे भाग्य नहीं चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें सखी केंद्र आपके साथ है।
एसबीआई के राजेंद्र प्रसाद जी ने बताया कि महिलाओं की शिकायत को गंभीरता से लिया जाना चाहिए हमें आंख बंद कर गैर जिम्मेदार नहीं बनना चाहिए। एसडीएम से शिकायत की गई और कई लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गई। साथ ही महिलाओं के ऊपर उत्तरदायित्व होता है डीएम को हर कमेटी के मॉनिटरिंग करने के लिए नियुक्त होना चाहिए।
वूमेन एंड चाइल्ड वेलफेयर डिपार्टमेंट से दीप्ति जी ने बताया कि यह समिति का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है। उन्होंने बताया डीएम के स्तर पर POSH के तहत बनी हुई स्थानीय शिकायत समिति, बनी है। हमारा विभाग रेस्क्यू ऑपरेशन, चाइल्ड हेल्पलाइन, चाइल्ड बेघर जैसे कार्यों पर कार्य कर रहा है।
प्रचार प्रसार हेतु सखी केंद्र जैसी संस्थाएं हमारा साथ दें जिन के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक हमारी योजनाएं पहुंच सकें।
एडवोकेट करीम अहमद सिद्दीकी जी ने कहा कि इस एक्ट को बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि
दुनिया पुरुष प्रधान समाज है, महिला को वस्तु के रूप में सोचा जाता है इसलिए इस एक्ट को लाना जरूरी था। यदि LCC कमेटी नहीं है और महिला को जरूरत है तो वह महिला कहां जाएगी और आरोपी खुद कार्यालय में अधिकारी है तो भी शिकायत करने में दिक्कत आ सकती है। जिला विधिक के बारे में बताया कि, जो जरूरतमंद है उन तक सही जानकारी नहीं है। घरेलू हिंसा के लिए कहा कि घरेलू हिंसा एक्ट के तहत जो मामले रजिस्टर्ड होते हैं वह रूटीन केस के तहत चलते हैं।
आज कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्राची त्रिपाठी अर्चना पांडे पुष्पा तिवारी प्रभावती माया कुरील माया सिंह ममता गुप्ता किरण तिवारी कंचन शर्मा एवं कानपुर मलिन बस्तियों के सशक्त लीडर्स एवं महिला अधिकार रक्षको की भागीदारी रही ।