*धर्म के लिए जब ले चुके पाकिस्तान तो अब क्यूं ले रहे सूफियो की जान:सूफी कौसर मजीदी*

पाकिस्तान के कट्टरपंथी मुल्लाओ के समर्थकों द्वारा पाकिस्तानी पैटर्न पर सूफी संतों की हत्या के षड्यंत्र के लिए चलाई जा रही मुहिम पर सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन की नज़र। कानपुर नगर के सूफी सिराज बाबा के खिलाफ की जा रही साजिशों की जांच और उनकी सुरक्षा के लिए सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी एडवोकेट ने लिखा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस और पुलिस आयुक्त कानपुर नगर को पत्र।

इस संबंध में अधिकृत बयान जारी करते हुए सूफी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष, सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी एडवोकेट ने कहा कि,पिछले एक हजार वर्षों से सूफी परंपरा भारतीय आध्यात्मिक परंपरा को आत्मसात करते हुए, निर्बाध रूप से काम करती चली आ रही है,गुरु शिष्य परंपरा पर आधारित इस विचारधारा के,हजरत अमीर खुसरो और मलिक मोहम्मद जायसी जैसे महान सूफी संतों ने आगे बढ़ाते हुए हिंदू मुस्लिम भाईचारे के लिए काम किया है।

उन्होंने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाने वाले सूफी संतों का हर दौर में कट्टरपंथी मुल्ला मौलवियों द्वारा विरोध करते हुए उनके खिलाफ हिंसक साजिशें की हैं,अंग्रेज की सरकार ने भी सूफी विचारधारा को कमज़ोर करने के लिए, मौलवी वाद को बढ़ावा दिया है,और इन्हीं कट्टरपंथी शक्तियों के दबाव में इस्लाम और शरीयत के लिए पाकिस्तान बनवाया गया।

उन्होंने कहा कि जिन्हें कट्टरता से प्रेम था वो पाकिस्तान चले गए और जो देश से प्यार करने वाले थे वो भारत में ही रहे, उन्होंने कहा कि आज फिर एक सोची समझी साजिश और रणनीति के तहत विभाजन के एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है,और पाकिस्तान के भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त आतंकियों,खादिम रजवी,मुल्ला ज़लाली और साद रजवी के भारतीय समर्थक सूफी संतों पर ईश निंदा के फर्जी आरोप लगाते हुए पूरे देश में उनकी हत्याओं की साजिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कानपुर नगर में भी सूफी संत सिराज बाबा के खिलाफ इसी प्रकार की साज़िश की जा रही है,जिन कारणों से सूफी खानकाह एसोसिएशन द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त कानपुर नगर को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। उन्होंने कट्टरपंथी शक्तियों को ललकारते हुए यह भी कहा कि जब मजहब और शरीयत के नाम पर ले चुके पाकिस्तान,तो अब क्यूं ले रहे हो सूफियों की जान।

उन्होंने मीडिया खास तौर से यू ट्यूब पर चलने वाले चैनलों से अपील की है कि वे,सूफी विचारधारा के सूफी संतों को प्रभावित करने वाले कंटेंट चलाने से पहले सूफी परंपरा का अध्ययन अवश्य कर लें,साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन से भी इसी तरह की अपील की है

पाकिस्तान के आतंकियों से मसलक के आधार पर जुड़े और फर्जी रिपोर्टिंग के नाम पर सूफी संतों की ईश निंदा के नाम पर हत्या के षड्यंत्र करने में जुटे, यू ट्यूब चैनल चलाने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए उनके खिलाफ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में शिकायत की बात की।

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