वैश्य महासंगठन ने परमदानी महाराज भामाशाह जी का जन्मोत्सव मनाया
आज वैश्य महासंगठन के तत्वाधान में भव्य रूप से भारत भूमि के परम दानी परम प्रतापी महाराज भामाशाह के जन्मोत्सव को मनाया गया ।
सिद्धार्थ काशीवार ने कहा कि वैश्य महासंगठन पिछले पाँच साल से महाराज भामाशाह जी के वैभव और प्रताप से आमजन को परिचित कराने में लिप्त है । संगठन को बड़ी उपलब्धि तब प्राप्त हुई जब संगठन के ज्ञापन पर आदरणीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराज भामाशाह जी की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ने के लिए NCERT को उचित निर्देश दिये । ( पत्र संलग्नित )
सिद्धार्थ ने बताया कि ये वैश्य महासंगठन का ही प्रयास है की महाराज भामाशाह जी के नाम पर सरकारी योजनाएँ शुरू हो गई हैं एवं शीघ्र महाराज की जीवनी से भविष्य की पीढ़ी स्कूली पाठ्यक्रम द्वारा जानेंगे ।
महाराज भामाशाह जी की जीवनी संकलित करने वाले महासंगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिद्धार्थ काशीवार ने बताया कि भारतीय इतिहास में मेवाड़ोद्धारक दानवीर भामाशाह का नाम बड़े ही गौरव के साथ लिया जाता है ।
भामाशाह स्वामिभक्त एवं दानवीर होने के साथ—साथ जैनधर्म के परम श्रद्धालु श्रावक थे ।
हल्दी घाटी के युद्ध में पराजित राणा प्रताप के लिए उन्होंने अपनी संपूर्ण निजी सम्पत्ति से इतना धन दान दिया था कि जिससे 25000 सैनिकों का बारह वर्ष तक निर्वाह हो सकता था । आज के दर से महाराज भामाशाह ने रू 5 लाख करोड़ का दान किया था जो वास्तविकता में कपोल कल्पना लगती है परंतु हमारे परम दानी पूर्वज ने ऐसा किया था* ।
अकबर की सेना द्वारा पराजित होने के बाद जब महाराणा प्रताप अपने परिवार के साथ जंगलों में भटक रहे थे तब भामाशाह ने अपनी सारी जमा पूंजी राणा प्रताप को समर्पित कर दी।
तब भामाशाह की दानशीलता के प्रसंग आसपास के इलाकों में बड़े उत्साह के साथ सुने और सुनाए जाते थे।
उस सहयोग से महाराणा प्रताप में नया उत्साह उत्पन्न हुआ और पुन: सैन्य शक्ति संगठित कर मुगल शासकों को पराजित कर फिर से मेवाड़ का राज्य प्राप्त किया।
भामाशाह का जीवनकाल 52 वर्ष रहा।
उदयपुर राजस्थान में राजाओं की समाधि स्थल के मध्य भामाशाह की समाधि बनी है ।
कार्यक्रम की शुरुआत मिट्टी के द्वीप प्रज्वलन से हुई जो की महाराज भामाशाह जी की प्रख्यात आदत थी कि हर कार्यक्रम से पहले भारत भूमि की मिट्टी से बने दिये से ही शुभारंभ हो ।
वक्ताओं में मुख्य रूप से ,,,
इस अवसर पर सलिल विष्णोई , पवन गुप्ता , सुरेश अवस्थी , नरेश त्रिपाठी , पंकज गुप्ता , अभिमन्यु गुप्ता , डॉ सपन गुप्ता , सिद्धार्थ काशीवार , मनु अग्रवाल , ओमित गुप्ता , अजय प्रकाश तिवारी , कमलजीत सिंह बग्गा , नरेश कठेरिया , मनोज गुप्ता , रवि गुप्ता , दिनेश महाराज , जितेंद्र श्रीवास्तव , अरुण गर्ग आदि भारी संख्या में कानपुर नगर के गणमान्य जन एवं वैश्य समाज के नागरिक उपस्थित रहे ।
