*अनावश्यक नोटिस भेजनें पर व सचल दल इकाईयों धारा 129 के नाम पर व्यापारियों व उद्यमियों के उत्पीड़न पर रोक लगे -ज्ञानेश मिश्र*
*स्टेट जी एस टी विभाग द्वारा भारी संख्या मे नोटिस भेजनें, सही जवाब देने पर भी पुनः नोटिस भेजनें व व्यापारी को कार्यालय बुलाने और सचल दल इकाईयों द्वारा छोटी सी कमी होने पर सभी कागज़ात होने के बावजूद गाड़िया विभाग लाकर व्यापारियों को परेशान व धारा 129 के नाम पर उत्पीड़न किये जाने और एस आई बी द्वारा जाँच व सर्वे के नाम पर जबरन टैक्स व पेनाल्टी जमा कराकर उत्पीड़न करने और 2017-20 तक डिमांड मे जमा कर चुके ब्याज व पेनाल्टी को वापस करने की मांग को लेकर आयुक्त से उनके गोमती नगर कार्यालय मे मुलाक़ात करके वार्ता की और ज्ञापन सौंपा*
*आयुक्त नितिन बंसल ने नोटिस के नाम पर व्यापारियों के उत्पीड़न नहीं होने का आश्वासन देते हुए कहा कि ऐसे मामले एकत्र कर मेरे संज्ञान मे लाये जिसमे ऐसे अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही करेंगे और भविष्य मे विभाग की कार्यप्रणाली मे और सुधार होगा*
आज *भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश वरिष्ठ महामंत्री ज्ञानेश मिश्र के नेतृत्व मे* कई ज़िलों से आये पदाधिकारी स्टेट जी एस टी विभाग द्वारा भारी संख्या मे नोटिस भेजनें, सही जवाब देने पर भी पुनः नोटिस भेजनें व व्यापारी को कार्यालय बुलाने और सचल दल इकाईयों द्वारा छोटी सी कमी होने पर सभी कागज़ात होने के बावजूद गाड़िया विभाग लाकर व्यापारियों को परेशान करने व धारा 129 के नाम पर उत्पीड़न किये जाने और एस आई बी द्वारा जाँच व सर्वे के नाम पर जबरन टैक्स व पेनाल्टी जमा कराकर उत्पीड़न करने और 2017-20 तक डिमांड मे जमा कर चुके ब्याज व पेनाल्टी को वापस करने की मांग को लेकर *आयुक्त नितिन बंसल* से उनके गोमती नगर कार्यालय मे मुलाक़ात करके वार्ता की और ज्ञापन सौंपा|
वार्ता मे *भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश वरिष्ठ महामंत्री ज्ञानेश मिश्र ने आयुक्त से कहा कि* स्टेट जी एस टी विभाग द्वारा पूरे प्रदेश मे व्यापारियों व उद्यमियों को वर्ष 2018-19,2019-20 व 2020-21 की भारी संख्या मे नोटिस भेजी जा रही है और सही जवाब देने पर भी पुनः नोटिस भेजी जा रही है और किसी न किसी बहाने से व्यापारियो व उद्यमियों को विभाग बुलाया जा रहा है जबकि जी एस टी नियमावली मे सारी सुनवाई ऑनलाइन होने व विभाग मे बुलाने का नियम नहीं है यहाँ तक कि सेक्टर के उपायुक्त द्वारा नोटिस भेजनें का जवाब देने के उपरांत उसका निस्तारण होने के बाद उनके अधीनस्थ सहायक आयुक्त द्वारा उसी वर्ष की उसी मामले की नोटिस भेजी जा रही है और कई नोटिसो मे निस्तारण के उपरांत उसी मामले मे मिलने के लिए उनके कार्यालय से फोन आ रहे है इसलिए अनावश्यक नोटिस भेजनें पर रोक लगाने के साथ ऑनलाइन व्यवस्था के बावजूद व्यापारियों को कार्यालय मे बुलाना उचित नहीं है और नोटिस के नाम पर उत्पीड़न बंद किया जाय
वार्ता मे *आयुक्त नितिन बंसल* ने नोटिस के नाम पर व्यापारियों के उत्पीड़न नहीं होने का आश्वासन देते हुए कहा कि ऐसे मामले एकत्र कर मेरे संज्ञान मे लाये जिसमे ऐसे अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही करें और भविष्य मे विभाग की कार्यप्रणाली मे और सुधार होगा |
वार्ता व ज्ञापन देने वालों मे प्रमुख रूप से *भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अशोक अग्रवाल,श्याम सिंघल,प्रकाश गुप्ता, मनोज अग्रवाल,शोभित सिंह भदौरिया, सत्यपाल सिंह, भानुप्रताप मिश्र, अरविन्द शुक्ला,अभिषेक सिंह, शशांक गुप्ता, बनवारी लाल गुप्ता* आदि पदाधिकारी थे |