उच्चतम न्यायालय ने निर्धारित किया अधिवक्ता पंजीकरण

शुल्क

 

अधिवक्ता पंजीकरण सामान्य ₹750, एस सी एस टी रु 125

 

 

कानपुर, अधिवक्ता पंजीकरण शुल्क पर बोलते हुए पंडित रवीन्द्र शर्मा पूर्व अध्यक्ष लॉयर्स एसोसिएशन ने बताया कि अधिवक्ता पंजीकरण शुल्क अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग लिया जा रहा था जो 15000 से लेकर 42000 तक था जिसको लेकर उच्चतम न्यायालय में रिट पिटीशन (सिविल ) नंबर 352 सन 2023 गौरव कुमार बनाम यूनियन ऑफ इंडिया दाखिल हुई। जिसकी सुनवाई मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पादरीवाल ने करते हुए दिनांक 30 जुलाई 2024 को फैसला दिया जिसके अंतर्गत अब सामान्य श्रेणी पंजीकरण शुल्क रुपया 750 और एस सी, एस टी श्रेणी को रुपया 125 पंजीकरण शुल्क लिए जाने हेतु राज्य विधिज्ञ परिषदों को निर्देशित किया गया। शर्मा ने बताया कि सन 1959 लीगल प्रैक्टिशनर बिल पार्लियामेंट में प्रस्तुत हुआ जो ज्वाइंट कमेटी को रेफर कर दिया गया जिसे रीनेम कर एडवोकेट एक्ट 1961 हुआ जिसमें अधिवक्ता पंजीकरण शुल्क को रु 500 से घटाकर रुपया 250 किया गया जिसका उद्देश्य सभी वर्गों से ज्यादा से ज्यादा अधिवक्ताओं को अधिवक्ता वृत्ति में लाना था क्योंकि पहले सिर्फ बड़े परिवारों से अधिवक्ता आते थे सन 1973 में एडवोकेट एक्ट की धारा 24(1)(f )में संशोधन कर एस सी एस टी श्रेणी का पंजीकरण शुल्क घटाकर रुपया 125 कर दिया गया। शेष का याथावत रु 250 रखा। सन 1993 में पंजीकरण शुल्क रुपया 250 को बढ़ाकर 750 कर दिया गया किंतु एस सी एस टी के लिए शुल्क यथावत रहा।प्रमुख रूप से अरविंद दीक्षित पूर्व उपाध्यक्ष बार एसोसिएशन शिवम गंगवार उत्तम गुप्ता संजीव कपूर प्रशांत मिश्र दीपू यादव अभिषेक सिंह विवेक यादव इंद्रेश मिश्रा रहे।

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