कानपुर

 

हैलट के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में ब्रेन और स्पाइन की सर्जरी और बेहतर हो गई है। नए अत्याधुनिक उपकरण कैवीट्रान अल्ट्रासोनिक एस्पिरेटर के इस्तेमाल से ट्यूमर के आसपास की नसों को कटने से बचा लिया जाएगा, जिससे रक्तस्राव भी नहीं होगा।अस्पताल के न्यूरो साइंसेज विभाग में महीने में ब्रेन और स्पाइन ट्यूमर के लगभग 90 ऑपरेशन प्रति महीने हो रहे हैं। न्यूरो सर्जरी विभाग में ऑपरेशन के लिए 17 जिलों से रोगी इलाज के लिए आते हैं, उन्हें महीना इंतजार भी करना पड़ता है।

न्यूरोसाइंस के HOD डॉक्टर मनीष सिंह ने बताया कि विभाग में अत्याधुनिक( सीयूएसए ) उपकरण हैं, इसमें अल्ट्रासोनिक वेव के जरिए ट्यूमर को काटा जाता है, यह उपकरण अलग-अलग अल्ट्रासोनिक वेव पर काम करता है , इसमें ट्यूमर के आसपास की नसें छतिग्रस्त होने से बच जाती हैं। इससे वैस्कुलर ब्लीडिंग नहीं होती ,इसी तरह स्पाइनल कॉर्ड के ट्यूमर का इलाज भी इसी उपकरण से होगा। इससे स्वस्थ कोशिकाओं को क्षति से बचा लिया जाएगा ।

संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के केस भी सर्जरी के लिए न्यूरो साइंसेज विभाग आते हैं। क्यों कि संजय गांधी में वेटिंग 6 महीने की है, एम्स दिल्ली के न्यूरो विभाग में वेटिंग 1 साल की है। ऐसे मामले जिनमें जल्दी सर्जरी की आवश्यकता होती, है वह मल्टी सुपर स्पेशलिटी हैलट कानपुर आते हैं। न्यूरोसाइंस प्रमुख ने बताया कि विभाग में वेटिंग 3 महीने ही रहती है।

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