37वीं वाहिनी पी०ए०सी० में 200 क्षमता के बैरक का निरीक्षण :-

 

दिनांक 22-08-2024 को श्रीमती दीक्षा जैन, मुख्य विकास अधिकारी महोदया, कानपुर नगर के द्वारा 37वीं वाहिनी पी०ए०सी० में 200 क्षमता के बैरक का निरीक्षण किया गया, बैरक को हैण्डओवर किये जाने हेतु जिलाधिकारी महोदय द्वारा नामित जांच कमेटी (अधिशाषी अभियन्ता, प्रा०ख० लो०नि०वि०, अधिशाषी अभियन्ता, निचली गंगा नहर, अधिशाषी अभियन्ता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि०, गोविन्द नगर सेनानायक, 37वीं वाहिनी पी०ए०सी०, कानपुर) की गयी है। निरीक्षण के समय श्री राहुल सिंह, सहायक अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग, (नि०ख०भवन), कानपुर नगर/कार्यदायी संस्था। निरीक्षण के समय पी०ए०सी० सेनानायक के अतिरिक्त कार्यदायी संस्था एवं जांच समिति के सभी नामित अधिशाषी अभियन्ता स्वयं उपस्थित न होकर अपने सहायक अभियन्ताओं को भेजा गया इस पर घोर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए जांच समिति के अधिशाषी अभियन्ताओं एवं कार्यदायी संस्था के अधिशाषी अभियन्ता को कारण बताओ नोटिस निर्गत किये जाने के निर्देश दिये गये।

 

यह बैरक जी+11 (12 खण्ड) जिसकी क्षमता 200 जवनों को ठहरने की है। इस भवन में दो लिफ्ट भी लगायी गयी है। स्थलीय निरीक्षण करने पर भूतल के पंखें जो लगे थे उनकी गुणवत्ता बहुत प्रभावी प्रतीत नहीं हो रही थी और वे अत्यधिक कम्पित (Vibrate) हो रहे थे, जिन्हें तत्काल बदलवाने के निर्देश दिये गये। भवन की कतिपय दीवारों में प्लास्टर में दरार (केक) है। सीलन की भी समस्या उ‌द्घाटित हुई है। शौचालयों में जो यूरनल का फ्लश लगा है उसकी गुणवत्ता असंतोषजनक है, जिसे बदलवाने के निर्देश दिये गये। भूतल में स्थित कमरे में फर्श की ढाल सही नहीं है, जिससे पानी दीवारों की ओर जा रहा है। सीवरेज एवं पेयजल की जो पाइप लाइन डाली गयी है उसकी गुणवत्ता भी संतोषजनक नहीं है, कतिपय स्थानों पर लीकेज पाया गया जिसे सही कराने के निर्देश दिये गये। तृतीय तल की सीढी का पत्थर टूटा है प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ एवं 11वें तल का निरीक्षण करने पर सभी में रंग-रोगन के उपरान्त हाल ही में सीलन आने के कारण पुट्टी किया जाना परिलक्षित हुआ है, यह एक गंभीर विषय है, खिड़कियों की जाली की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पायी गयी है। स्विच बोर्ड पुराने शैली का लगाया गया है। भवन के कतिपय बालकनियों का एलाइमेण्ट सही नहीं है कोई बालकनी आगे निकली है तो कोई पीछे है, जिसमें समानता का अभाव है, इसी प्रकार जो पिलर है उनमें भी ऊपर जाकर असमानता परिलक्षित हो रही है इसके अतिरिक्त भवन की दीवारों के कोनों की कार्निस एवं बालकनियों की कार्निस में लगाये गये प्लास्टर एक समान नहीं है, जिससे फिनिशिंग का अभाव है।

 

उपरोक्त कमियों को एक पक्ष में दूर करके अवगत कराने के निर्देश दिये गये। यदि एक पक्ष के अन्दर सम्बन्धित फर्म के द्वारा कार्य पूर्ण न कराया जाए तो पायी गयी कमियों का आंकलन करके इनको भुगतान की जाने वाली धनराशि से कटौती कर ली जाए और कार्यदायी संस्था के अधिशाषी अभियन्ता के विरूद्ध पर्यवेक्षणीय दायित्व में शिथिलता बरतने के सम्बन्ध में कारण बताओ नोटिस निर्गत किया जाए।

 

आसरा आवास योजना के अंतर्गत निर्मित भवनों का निरीक्षण:-

 

दिनांक 22-08-2024 को श्रीमती दीक्षा जैन, मुख्य विकास अधिकारी महोदया, कानपुर नगर के द्वारा सजारी, कानपुर नगर में डूडा विभाग द्वारा संचालित आसरा आवास योजनान्तर्गत निर्मित भवनों का निरीक्षण किया, निरीक्षण के समय श्री तेज कुमार, परियोजना अधिकारी, डूडा. कानपुर नगर, कार्यदायी विभाग, श्री सर्वेश कुमार वर्मा परियोजना प्रबन्धक, सी०एण्ड डी०एस० यूनिट 05, कानपुर नगर, श्री राहुल सिंह, सहायक अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग, (नि०ख०भवन), कानपुर नगर, श्री पीयूष, विद्युत सुरक्षा, श्री एस० पी० दोहरे, सहायक अभियन्ता, केस्को, कानपुर नगर उपस्थित थे।

 

परियोजना प्रबन्धक, सी० एण्ड डी०एस० यूनिट 05, कानपुर नगर, द्वारा अवगत कराया गया कि डूडा विभाग द्वारा संचालित आसरा आवास योजनान्तर्गत कुल 1104 नग आवासों के सापेक्ष 720 नग आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है, जिसमें ओवर हेड टैंक, बोरिंग, पम्प हाउस, वाटर लाइन, सीवर लाइन आदि का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है, जिसको दिनांक 11-07-2024 को डूडा को हस्तगत किया जा चुका है। स्थलीय निरीक्षण करने पर भवन के जो आवास खाली थे, उनके किचेन के प्लेटफार्म की फिनसिंग समुचित नहीं थी, जिसे सही कराने के निर्देश दिये गये, इसके अतिरिक्त सीढियों में कतिपय स्थानों पर प्लास्टर टूटा था, इण्टरलांकिंग रोड से भवन तक जाने के लिए रास्ता न होने की पृक्षा करने पर परियोजना प्रबन्धक द्वारा अवगत कराया गया कि इसका स्टीमेट में प्राविधान नहीं था। भवन के चारों ओर अप्रोच रोड व नाली का निर्माण नगर निगम द्वारा कराया जाना है, जिसमें नाली व इण्टरलॉकिंग रोड का निर्माण कराया गया है, किन्तु कतिपय स्थानों पर इण्टरलांकिंग धंसी हुई पायी गयी, इसके अतिरिक्त नाली बनायी गयी है, किन्तु इसमें मिट्टी भरी हुई है, जिसके कारण जल निकासी में अवरोध हो रहा है जिसके कारण भूतल के कुछ आवासों में सीलन की समस्या परिलक्षित हो रही है। नगर निगम के द्वारा बाउण्ड्रीवाल का निर्माण नहीं कराया गया है और मौके पर नगर निगम से सम्बन्धित अधिशाषी अभियन्ता उपस्थित नहीं थे, उनके स्थान पर सुपरवाइजर उपस्थित थे, जिनको परियोजना के सम्बन्ध में कोई जानकारी नही थी। इस पर गहरा रोष प्रकट करते हुए श्री दिवाकर भाष्कर, अधिशाषी अभियन्ता, नगर निगम जोन-2, कानपुर को कारण बताओ नोटिस निर्गत करने के निर्देश दिये गये तथा नगर निगम के अवस्थापना सम्बन्धी अवशेष कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये गये।

 

विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत लाइन एवं ट्रांसफार्मर कार्य कराया गया है, उपस्थित विद्युत सुरक्षा के सहायक अभियन्ता के द्वारा बताया गया कि ट्रांसफार्मर की बेरीकेटिंग, विद्युत पोलों में अर्थिग का कार्य कराये जाने के उपरान्त ही विद्युत सुरक्षा का अनापत्ति प्रमाण-पत्र निर्गत किया जायेगा। मौके पर देखा गया कि कार्य प्रगति पर है, परियोजना प्रबन्धक, सी० एण्ड डी०एस० को निर्देश दिये गये कि विद्युत सम्बन्धी अवशेष कार्य शीघ्र पूर्ण कराकर विद्युत सुरक्षा का अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त कर विद्युत संयोजन का कार्य शीघ्र पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। दो पोल के बीच स्पैन की गार्डिंग का कार्य शेष है, जिसे भी पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये। जिन आवासों का आवंटन किया जा चुका है विद्युत आपूर्ति न होने के कारण वहां आवंटी निवास नहीं कर रहे है।

 

अवशेष 384 नग आवासों के निर्माण कार्य की जी०एस०टी० धनराशि रू० 398.37 लाख सूडा से प्राप्त होनी है, जिसे शीघ्र प्राप्त कर कार्य को पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये गये।

 

यह भी निर्देशित किया गया कि सजारी आवास का कार्यदायी संस्था व परियोजना अधिकारी, डूडा द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण करते हुए जो छोटे-मोटी कमियां आवासों में है, उनकी सूची तैयार करके उनका निराकरण कराए।

 

लखनऊ-कानपुर रेलमार्ग के सम्पार संख्या 43 जयपुरिया स्कूल के निकट रेल उपरिगामी सेतुः-

 

इस उपरिगामी सेतु के निरीक्षण के समय परियोजना प्रबन्धक, सेतु निगम उपस्थित नहीं थे, जिसके कारण इस सेतु का निरीक्षण नहीं किया जा सका।

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