स्वर्गीय अनवार अहमद की जयंती पर ह्रदय से श्रद्धांजलि अर्पित
कानपुर, लोग चले जाते हैं लेकिन अपने पीछे अच्छाइयां छोड़ जाते हैं जिन अच्छाइयों को लेकर लोग उनको याद रखते हैं यूं तो लोग आए हैं दुनिया में कुछ करने के लिए कुछ अच्छे काम करें जिसे लोग याद करें मरना तो सभी को है कानपुर महानगर लोकसभा पूर्व प्रत्याशी , पूर्व विधायक सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया अधिवक्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष अ.भ.लोधी निषाद बिनद कश्यप एकता समता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकुमार ने बताया कि स्वर्गीय अनवार अहमद का सानिध्य एवं शिक्षा अनवार अहमद से परिचय 1984 के उन्नाव लोकसभा क्षेत्र के चुनाव से समय हुआ था। तत्ससमय स्वर्गीय जियाउर्रहमान अंसारी कांग्रेस के प्रत्याशी और उनके इलेक्शन एजेंट स्वर्गीय अनवार अहमद एवं स्वर्गीय मनोहर लाल प्रत्याशी एवं उनके इलेक्शन एजेंट हम थे। हमारा उनका आमना सामना आर0ओ० काउंटिंग टेबल (मेन टेबल ) पर हुआ और हम एक दूसरे से परिचित हुए।
1989 में स्वर्गीय मनोहर लाल जी उन्नाव सदर विधानसभा के प्रत्याशी थे उनका नामांकन का A व B फॉर्म आ गया था स्वर्गीय अनवार अहमद लोक सभा के प्रत्याशी थे किन्तु उनका A व फॉर्म नहीं आया था। रामलीला मैदान से नामांकन उठना था। स्वर्गीय अनवार अहमद ने फॉर्म A व B न आने के कारण नामांकन जुलूस में सम्मिलित होने से मना कर दिया था। हम अपने पिता के साथ उनके निवास पर जाकर वार्ता की और उनको यह आश्वासन देने पर की हम अभी दिल्ली जाकर का कल सुबह आपका नामांकन का फॉर्म A व B लाकर देंगे के आश्वासन पर स्वर्गीय अनवार अहमद नामांकन जुलूस में सम्मिलित हुए।
उक्त उदाहरण यह दर्शाता है कि स्वर्गीय अनवार अहमद अपने सिद्धांतों से चलते थे।
उनकी सरलता का उदहारण है कि वह किसी के साथ भी उसके कार्य को सम्पादित कराने के लिए तत्पर रहते थे। हम उनके नई दिल्ली आवास पर उनके साथ रुके थे और हमारा एक कार्य शास्त्री भवन नई दिल्ली में था बरसात तेज हो रही थी उसके बाद भी स्वर्गीय अनवर अहमद हमारे साथ बरसते पानी में ऑटो में बैठकर शास्त्री भवन गए और हमारा कार्य सम्पादित हुआ।
ऐसे व्यक्तित्व का साथ शिक्षा दिशा निर्देश हमें प्राप्त हुआ इसके लिए हम अपने आप को सौभग्यशाली मानते हैं। आज उनकी जयंती पर ह्रदय से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।