कानपुर
आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वेलफेयर एसोसियेशन, उत्तर प्रदेश शाखा ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर दिया धरना, मांगे पूरी नही हुई तो विधान सभा घेरने की तैयारी
आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वेलफेयर एसोसियेशन, उत्तर प्रदेश शाखा के तत्वाधान में आज सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने आज जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना देते हुए सरकार से मांग करी है कि ऑगनबाड़ी केन्द्रो में इसीसी एजूकेटर नियुक्त किये का विरोध किया ।
संगठन की जिला अध्यक्ष हीरावती ने बताया कि जनहित की आईसीडीएस योजना में आँगनबाड़ी केन्द्रों पर आँगनबाड़ी कर्मचारियों द्वारा दी जाने वाली 6 मूल सेवाओं में सबसे प्रमुख है, 3 से 6 वर्ष के बच्चों की स्कूल पूर्व शिक्षा । सभी आँगनबाड़ी कर्मचारी महिलाएं इसके लिए पूरी तरह से शिक्षित, प्रशिक्षित व अनुभवी है। लम्बे समय से जब से इस योजना की शुरुवात हुई है, तभी से कर्मचारी पूरी तत्परता तथा कुशलता से सफलता पूर्वक ये कार्य कर रही है, इन महिला कर्मचारियों की देख रेख में आँगनबाड़ी केन्द्रों में ये बच्चे सुरक्षित व स्वाभाविक वातावरण में स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए तैयार हो रहे हैं। अब आँगनबाड़ी केन्द्रों के बेसिक स्कूलों से सम्बद्ध होने के बाद पिछले 2 वर्ष से इन्हें दोबारा प्रशिक्षित किया गया है।
परंतु अब उच्च शिक्षित- प्रशिक्षित, अनुभवी तथा लम्बा कार्य अनुभव रखने वाली आँगनबाड़ी कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी, प्रमोशन, खाली लाखों पदों पर नई नियुक्ति, रिटायरमेट लाभ देने की बजाय सरकार, उनके मूल कार्य व सेवा से 26 वर्ष के बच्चों की स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए अलग से भारी भरकम मानदेय पर इसीसी एजुकेटर की बड़े पैमाने पर नियुक्ति कर रही है। जो साफ तौर पर उनके कार्यों, सेवाओं का अतिक्रमण है। इससे प्रदेश भर की आँगनबाड़ी कर्मचारियों में भारी असंतोष व रोष व्याप्त है तथा वे अपनी मानदेय सेवा पर खतरा महसूस कर रही है । साथ ही सरकार का ये कदम जनहित की आईसीडीएस योजना को निजीकरण की तरफ ले जायेगा तथा आउट सोर्सिंग से संविदा पर अस्थाई रूप से नियुक्त ये एजुकेटर जिनमें पुरूष भी होगें, से आँगनबाड़ी केन्द्रों के नन्हें-मुन्नें को मां की आँगन जैसा वो वातावरण सुरक्षा तथा सवेदन शील वातावरण नही मिल पायेगा।
यदि सरकार उनकी मांगें नही मानती है तो वह विधान सभा घेरने से भी नही हिचकेंगी ।