हज़रत मख़दूम शाह का 766 वां उर्से मुबारक पकीजा माहौल में शानो शौकत से मनाया गया
कानपुर, हज़रत मख़दूम शाह आला अ. र. का 766 वां उर्से मुबारक पकीजा माहौल में शानो शौकत से मनाया गया 11 / बजे कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई जिस में मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी राष्ट्रीय अध्यक्ष आल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल व इमाम ईदगाह गद्दीयाना कानपुर ने मुल्क की तरक्की ,खुशहाली,हरियाली की दुआ के लिए जब हाथ उठाए तो हर तरफ आमीन आमीन की सदाएं गूंजने लगीं उन्होंने मुल्क में अमन व अमान,खुशहाली,हरियाली,मुहब्बत,नफरतों के खात्मे, बे कुसूरों के जेल से रिहाई मज़हबी मकामात की हिफ़ाज़त के लिए लाखों अकीदत मंदों के दरम्यान दुआ की और इस से पहले बयान करते हुए कहा कि फुजूल खर्ची करने वाले शैतान के भाई हैं एक एक बूंद पानी की हिफाजत करो लाईट भी बचाओ सिर्फ नगर निगम और बिजली विभाग ही की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि सभी की ज़िमेदारी है कि लाईट और पानी बचाएं
मौलाना अशरफी ने शादी विवाह के अवसर पर आतिशबाजी के चलन पर कहा कि इस कद्र तेज आवाज के साथ आतिशबाज़ी से वायु प्रदूषण खतरनाक सुरते हाल अख्तियार कर रही है जिस से सभी का जीवन परभावित हो रहा है यहां तक के सेहतमंद लोगों का भी सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है मरीजों की तादाद बढ़ती ही जा रही है लिहाज़ा आतिशबाजी के चलन को खत्म करो ताकि साफ हवा सभी को मिल सके मौलाना अशरफी ने ज़ोर देते हुए कहा कि सोशल मीडिया के ज़रिए कुरान पाक की आयतों को बदल बदल कर डाला जा रहा हे इस से आगाह रहें और सोशल मीडिया के ज़रिए हिंदू मुस्लिम झगड़े,नफरतें फैलाई जाती हैं झूठ की बुनियाद पड़ती है लोग झूठी खबरों को शेयर करते हैं और कुछ लोग पढ़े लिखे नहीं हैं फिर भी डिबेट करते हैं और जो कोई भी चाहता है वह इस्लाम के लिए इंटरव्यू देने लगता है
मौलाना अशरफी ने कहा कि जहेज़ का मुतालबा समाज के लिए एक लानत है गरीब बेटियों की शादियां नहीं हो रही हैं लिहाज़ा शादी का बोझ हल्का करो जहेज़ की बजाए तरका का रिवाज डालो अल्लाह तआला ने हुक्म फरमाया है कि बेटियों को तरका (बाप की जायदाद से हिस्सा) दो क्योंकि बाप की जायदाद में बेटियों का हक़ है बेटियों से अपील करते हुए कहा बेटियां अपने घरों में बाप और भाइयों से तरका का मुतालबा करें ताकि जहेज़ की लानत का खात्मा हो सके उन्होंने कहा हर हाल में इल्म हासिल करो क्योंकि ज़रूरत के मुताबिक इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज़ है और पैगंबर ए इस्लाम ने फरमाया कि इल्म हासिल करो अगर चे तुम्हे चीन का सफर करना पड़े इल्म सर्विस की नियत से नहीं इस इरादे से हासिल करो कि इल्म रोशनी है जिहालत अंधेरा है अंधेरे से निकल कर बाहर आओ इतना इल्म हासिल करो कि अपने मुल्क की ज़रूरत बन जाओ कुल शरीफ़ में कारी मोहम्मद अहमद अशरफी,कारी मोहम्मद आज़ाद अशरफी,कारी उस्मान बरकाती,कारी इकबाल बेग,हाफिज अनस,हाफिज मिन्हाजुदीन कादरी,कारी मोहम्मद अली,हाफिज जियाउल हक ने कुरान पाक की तिलावत की इस अवसर पर प्रमुख रूप से हाजी अबरार अहमद, मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही,हाफिज सगीर आलम,हाजी सय्यद खुर्शीद आलम,हाजी हसन रूमी,हाफिज मोहम्मद अरशद अशरफी शहजाद अहमद,इदरीस खान समेत लाखों अकीदत मंद मौजूद रहे!