कानपुर
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर जमाते इस्लामी हिंद का विरोध, सरकार से की सख्त कदम उठाने की मांग
देश की आधी आबादी, यानी महिला वर्ग, जिसे आदिशक्ति का स्वरूप माना जाता है, आज हिंसा, उत्पीड़न और हत्या के बढ़ते मामलों से जूझ रही है। इस संबंध में जमाते इस्लामी हिंद के बैनर तले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय सचिव जैनबल गजाली और महिला विंग की सचिव शाइस्ता रफत ने देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई।
शाइस्ता रफत ने कहा कि भारत में आजादी का गलत मतलब निकाला जा रहा है, जिससे अपराधों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि विशेषकर महिलाओं के खिलाफ हिंसा, उत्पीड़न, यौन शोषण और हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति गहरी सामाजिक असमानताएं, पूर्वाग्रह और भेदभाव की स्थिति जटिल समस्या बनती जा रही है।
**महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर चिंता**
शाइस्ता रफत ने कोलकाता, पश्चिम बंगाल के आईजी अस्पताल में बलात्कार और हत्या, बिहार के गोपालपुर में 14 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में एक मुस्लिम नर्स के साथ बलात्कार और हत्या, और महाराष्ट्र के बदलापुर के एक स्कूल में दो किंडरगार्टन बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं का उल्लेख किया। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि हमारे समाज में महिलाओं के प्रति मानसिकता और दृष्टिकोण पर गंभीर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है।
**महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल**
केरल की हेमा समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि मनोरंजन उद्योग समेत कई कार्यस्थलों पर भी महिलाओं की सुरक्षा में कमी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। यह संख्या केवल दर्ज मामलों का एक हिस्सा है, जबकि कई मामले दर्ज नहीं हो पाते या दबाए जाते हैं।
**महिलाओं के न्याय के संघर्ष पर प्रकाश**
उन्होंने बिलकिस बानो के न्याय के लिए संघर्ष को एक उल्लेखनीय उदाहरण बताया, जो हमारे संस्थानों में व्याप्त प्रणालिगत पूर्वाग्रह और संवेदनशीलता की कमी को उजागर करता है। हाल ही में आई रिपोर्ट में कहा गया है कि 151 मौजूदा सांसदों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं, जो महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जटिलता को और बढ़ाते हैं।
**समाज को जागरूक करने का संकल्प**
जमाते इस्लामी हिंद की महिला विंग ने निर्णय लिया है कि वे समाज, स्कूलों और कॉलेजों में जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। उनका उद्देश्य है कि लोग इन अपराधों से दूर रहें और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को रोकने में योगदान दें।सरकार से मांग की गई है कि वह सख्त कदम उठाकर इन अपराधों पर अंकुश लगाए, ताकि देश की आधी आबादी इन समस्याओं से मुक्त हो सके।