कानपुर

 

प्रताड़ना के चलते पत्रकार ने फांसी लगा कर जीवन लीला की समाप्त

 

कानपुर में पत्रकार महेंद्र ने फांसी लगा ली परिजनों का आरोप है कानपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने प्रताड़ित किया।पुलिस और क्राइम ब्रांच अवनीश दीक्षित प्रकरण में पूछताछ/जांच के नाम पर उसे प्रताड़ित कर रही थी।

भांजे ने पुलिस को दी तहरीर में महेंद्र के अवसाद में होने का भी जिक्र किया ।जांच के नाम पर लगातार पत्रकारों को प्रताड़ित करने का नतीजा ये है आज एक पत्रकार ने थक हार कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

महेंद्र के सुसाइड नोट में अपनी मर्जी से मरने की लिखी बात परिजनों से माफी भी मांगी हैं।

कमिश्नरेट पुलिस ने बताया महेंद्र नहीं थे पत्रकार पुलिस पर प्रताड़ित करने का कोई आरोप नही हैंऐसे में एक बड़ा सवाल तो कमिश्नरेट पुलिस से बनता है क्या महेंद्र के पत्रकार नही होने से परिजनों के आरोप की कोई वैल्यू नहीं बनती।पूर्व में देखा गया है सिर्फ अवनीश दीक्षित के सहयोगी होना या अवनीश दीक्षित से सिर्फ बात करने की सजा पत्रकारों को किस कदर प्रताड़ित करके दिया गया है।गांजा तस्कर भू माफिया हिस्ट्रीशीटर और अन्य तरह के अपराधियों ने पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे लिखवाया है।और पुलिस ने बिना साक्ष पत्रकारों को प्रताड़ित करने का कार्य किया है और जेल भेजा है।ध्यान दे ऐसा ही एक प्रकरण थाना जाजमऊ में भी चल रहा है तीन पत्रकारों पर बिना साक्ष फर्जी तरह मुकदमा लिखकर उनको भी प्रताड़ित करने का कार्य किया जा रहा है।तीनों पत्रकारों ने गृहमंत्री ,मुख्यमंत्री, डीजीपी, कानपुर कमिश्नर और अन्य कई अधिकारियों को लिखित शिकायत के माध्यम से प्रताड़ित करने और डिप्रेशन में होने आत्महत्या जैसे ख्याल आने की बात कही लेकिन जाजमऊ पुलिस हर शिकायती पत्र को दबाने का कार्य किया है।

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