अबकी बार माॅ दुर्गा पालकी पर सवार होकर आ रहीं हैं

 

इस वर्ष 3 अक्टूबर को अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर नवरात्रि की प्रथम स्थापना पड़ रहा है ! अतः प्रातः 05:56 बजे से 07:20 बजे के मध्य कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है, कलश स्थापना करने के पश्चात व्रत एवं पूजा विधि विधान से प्रारम्भ करना चाहिए ! महाष्टमी 11 अक्टूबर 2024 को, नवमी 12 अक्टूबर को है ! 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन एवम विजय दशमी का त्यौहार है !

 

देवी भाग्वत पुराण में नवरात्रि पर माता रानी की सवारी का विशेष महत्व बताया गया है ! हर साल मां अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं ! मां का हर वाहन विशेष संदेश देता है !

 

पुराणों के अनुसार नवरात्रि पर माँ भगवती के आने व जाने की सवारी और उसका फल :—

 

देवी भागवत के अनुसार माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार साल भर होने वाली घटनाओं का भी आंकलन किया जाता है।

 

देवी जब हाथी पर सवार होकर आती है तब पानी अधिक बरसता है ! घोड़े पर आती हैं तब पड़ोसी देशों से युद्ध एवं सत्ता परिवर्तन की आशंका बढ़ जाती है ! जब देवी नौका पर आती हैंं तब सभी की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और जब डोली पर आती हैं तब महामारी फैलने का भय बना रहता हैं !

 

देवी भागवत के इस श्लोक के अनुसार सोमवार व रविवार को प्रथम पूजा यानी कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं ! शनिवार और मंगलवार को नवरात्र शुरू होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है ! गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर माता डोली में बैठकर आती हैं ! बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं !

 

इस नवरात्रि पर माँ भगवती डोली पर सवार होकर गुरुवार के दिन आ रही हैं, जिससे महामारी फैलने की सम्भावना है और रविवार को महिषा पर सवार होकर विदा होंगी ! अतः इस बार देश में रोग और शोक बढ़ने का संकेत मिल रहा है

 

किस दिन कौन-से वाहन पर सवार होकर जब माँ भगवती जाती हैं, तब क्या फल देतीं हैं !

देवी भागवत के अनुसार नवरात्र का आखिरी दिन तय करता है कि जाते समय माता का वाहन कौन सा होगा ? अर्थात नवरात्र के अंतिम दिन कौन सा दिन पड़ रहा है, उसी के अनुसार देवी का वाहन भी तय होता है !

 

रविवार और सोमवार को देवी भैंसा की सवारी से जाती हैं तब देश में रोग और शोक बढ़ता है ! शनिवार और मंगलवार को देवी चरणायुध (मुर्गे पर सवार होकर) जब प्रस्थान करती हैंं, तब दुख और कष्ट की वृद्धि होती है ! बुद्धवार और शुक्रवार को देवी हाथी पर सवार होकर जाती हैंं, तब इससे बारिश अधिक होती है ! गुरुवार को माँ भगवती मनुष्य की सवारी करके जाती हैं ! जिससे सुख और शांति की वृद्धि होती है !

 

इस नवरात्रि पर माँ भगवती रविवार को महिषा पर सवार होकर विदा होंगी ! अतः इस बार देश में रोग और शोक बढ़ने का संकेत मिल रहा है !

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