कानपुर
कानपुर से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की ज़मानत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई 5 नवंबर को होगी, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट ने बदली सुनवाई की डेट।
जेल में बंद कानपुर से सपा के पूर्व चर्चित विधायक इरफान सोलंकी की क्रिमिनल अपील पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच में सुनवाई हुई। 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश पर आज जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस सुरेंद्र सिंह की डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए मामले में अगली सुनवाई के लिए 5 नवंबर की तारीख तय की है। इससे पहले इरफान सोलंकी की अपील पर 17 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई थी जिसके बाद सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने 6 नवंबर की डेट लगा दी थी लेकिन आज हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को यह प्रकरण पूर्व निर्धारित तारीख से पहले लिस्ट हुआ जिसपर सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने सुनवाई की डेट बदलते हुए 5 नवंबर की डेट तय की है। गौरतलब है कि शनिवार से इलाहाबाद हाईकोर्ट में दीपावली त्योहार की वजह से छुट्टी हो रही है। चार नवंबर को अब इलाहाबाद हाईकोर्ट खुलेगा। इसके चलते अब मामले में सुनवाई के लिए पांच नवंबर की तारीख तय हुई है।हाईकोर्ट ने आपराधिक अपील को संबंधित अपीलों के साथ 5 नवंबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।
दरअसल कानपुर के सीसामऊ सीट से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जल्दी सुनवाई की मांग की थी जिसपर 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को इरफान सोलंकी की जमानत पर दस दिन के अंदर सुनवाई कर फैसला देने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपेक्ष्य में इलाहाबाद हाइकोर्ट में लिस्टिंग एप्लीकेशन डाली गई जिस पर जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस सुरेंद्र सिंह की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद जमानत पर सुनवाई के लिए पांच नवंबर की तारीख नियत की है। हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश में इस मामले पर 6 नवंबर को सुनवाई होनी थी।
बता दें कि जेल में बंद पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिज़वान सोलंकी ने सात साल की कैद की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर की है। वहीं इरफान सोलंकी की सजा बढ़ाने व षड्यंत्र मामले में बरी किए जाने के खिलाफ राज्य सरकार ने भी दो गवर्नमेंट अपील दायर की हुई है। तीनों अपीलों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई चल रही है। इरफान सोलंकी और उसके भाई रिज़वान ने एमपी एमएलए विशेष कोर्ट से महिला का घर जलाने के मामले में मिली सात साल की सजा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। दोनों भाइयों ने अपील में विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट से सजा को रद्द करने और जमानत पर रिहा करने की मांग की है।
सोलंकी बंधुओं पर कानपुर की एक महिला का घर जलाने के केस में अदालत ने उन्हें सात साल कैद की सजा सुनाई है जिसे उन्होंने अपील में चुनौती दी है। सात साल की कैद की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग में राज्य सरकार ने भी हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है। कानपुर की अदालत ने इरफान व अन्य को सात साल की सजा सुनाई थी। अपील के लंबित रहने के दौरान ज़मानत पर रिहा करने की मांग की गई है।