काले घोड़े की नाल का प्रयोग

 

शत्रु एवं शनि पीड़ित लोग काले घोड़े की नाल के छल्ले का प्रयोग करें तो उत्तम लाभ होता है। यह छल्ला दाहिने हाथ की बीच की (मध्यमा) उंगुली में धारण करना चाहिए। लोगों की बुरी नजर से बचने का अत्यन्त सटीक उपाय है ध्यान रखेंना चाहिए वह छल्ला एकदम शुद्व एवं प्रमाणिक होना चाहिए। तभी इसका पूर्ण लाभ मिलता है घर तथा कार्य स्थान के मुख्य दरवाजे के ऊपर अन्दर की ओर u के आकार में लगाई गई काले घोड़े के नाल उस स्थान की सभी प्रकार तांत्रिक प्रभाव जादू-टोने, नजर आदि से रक्षा करती है। तंत्र क्रियाओं में अनेक वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। काले घोड़े की नाल भी उन्हीं में से एक है। ऐसा मानते हैं कि तंत्र प्रयोग में यदि काले घोड़े की नाल का प्रयोग किया जाए तो असंभव कार्य भी संभव हो जाता है।

 

तंत्र शास्त्र के अनुसार वैसे तो किसी भी घोड़े की नाल बहुत प्रभावशाली होती है लेकिन यदि काले घोड़े के अगले दाहिने पांव की पुरानी नाल हो तो यह कई गुना अधिक प्रभावशाली हो जाती है।काले घोड़े की नाल एक ऐसी वास्तु है जो शनि समबधित किसी भी पीड़ा जैसे शनि की अशुभ दशा, ढैया, साढ़ेसाती शनि का कोई अशुभ योग आदि..हर पीड़ा में सामान रूप से चमत्कारी है बशर्ते यह पूर्ण रूपेण सिद्ध हो….यहाँ सिद्ध से आशय पहले काले घोड़े के प्रयोग में हो फिर शुभ महूर्त में शनि मंत्रो से व वैदिक प्रक्रिया द्वारा प्रतिष्ठित की गई हो।सिद्ध या उर्जावान काले घोड़े की नाल को परखने का एक बहुत ही प्रमाणिक तरीका है।उसे आप कुछ घंटो (कम से कम ५ से ८ घंटे) के लिए मक्के में रख दिया जाये और फिर जब कुछ समय बाद देखा जाये तो सही सिद्ध घोड़े की नाल उस मक्के को पका देंती है।

 

काले वस्त्र में लपेट कर अनाज में रख दो तो अनाज में वृद्धि होती है।

काले वस्त्र में लपेट कर तिजोरी में रख दो तो धन में वृद्धि हो |

अंगूठी या छल्ला बनाकर धारण करे तो शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है।

 

द्वार पर सीधा लगाये तो दैवीय कृपा प्राप्त होती है।

द्वार पर उल्टा लगाओ तो भूत, प्रेत, या किसी भी तंत्र मंत्र से बचाव करेगी।

 

शनि के प्रकोप से बचाव हेतु काले घोड़े की नाल से बना छल्ला सीधे हाथ में धारण करें।

 

काले घोड़े की नाल से चार कील बनवाये और शनि पीड़ित व्यक्ति के पलंग में चारो पायो में लगा दे।

 

काले घोड़े की नाल से चार कील बनवाये और शनि पीड़ित व्यक्ति के घर के चारो कोने पे लगाये।

 

काले घोड़े की नाल से एक कील बनाकर सवा किलो उरद की दाल में रख कर एक नारियल के साथ जल में प्रवाहित करे।

 

काले घोड़े की नाल से एक कील या छल्ला बनवा ले, शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भर कर उसमे छल्ला या कील डाल कर अपना मुख देखे और पीपल के पेड़ के नीचे रख दे।

 

उपरोक्त उपायो से अवश्य ही शनि से होने वाली पीड़ा में राहत मिलती है

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