कानपुर
भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी चुनावी लाभ के लिए एक-दूसरे की कमजोर नस दबाने की जुगत में लगे हैं। नामांकन के बाद पहले दिन भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी रूठों को मनाने जुटे तो गठबंधन प्रत्याशी नसीम सोलंकी की ओर से सपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक दूसरे के घर जाकर मिलते रहे। लेकिन इस सबके बीच तीन बार विधायकी जीतने वाले राकेश सोनकर अपनी ही पार्टी भाजपा में बेगाने होकर रह गए हैं। उनसे न तो किसी ने बात की और न ही फोन किया।भाजपा टिकट की दावेदारी को लेकर सर्वाधिक गुटबाजी तनातनी भाजपा में देखने को मिली थी। हालांकि प्रत्याशी सुरेश अवस्थी के नामांकन जुलूस के दौरान वह सभी चेहरे दिखे जो नाराज बताए जाते थे पर पूर्व सांसद सत्यदेव पचौरी सरीखे दिग्गज नहीं थे। भाजपा के रणनीतिकार कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष प्रकाश पाल, एमएलसी मानवेंद्र सिंह व उत्तर जिलाध्यक्ष दीपू पांडे ने जिला कार्यालय में चुनाव प्रबंधन को लेकर बैठक की। प्रत्याशी सुरेश अवस्थी सत्यदेव पचौरी के निवास पहुंचे और मार्गदर्शन प्राप्त किया। सुरेश ने पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी से भी भेंट की। एक समय टिकट की सूची सबसे आगे रहे पूर्व विधायक राकेश सोनकर से प्रत्याशी या किसी भाजपा नेता ने मिलने या फोन करने की जहमत नहीं उठाई। राकेश का टिकट लगभग फाइनल हो गया था। लेकिन अचानक फैसला बदल दिया गया। पहले नामांकन पत्र हासिल करने को कहा गया। फिर मुख्यमंत्री से मिलने को। उसके बाद टिकट सुरेश अवस्थी को मिल गयी। उनका कहना है कि सुरेश मुझसे न मिलने आए और न ही फोन किया। किसी भाजपा नेता ने भी फोन नहीं किया। मुझे मालूम है कि न सुरेश आएंगे और न ही अन्य भाजपा नेता।सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी नसीम सोलंकी के पक्ष में समर्थन जुटाने और माहौल बनाने को लेकर दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल से उनके निवास पोखरपुर में मुलाकात की। तय हुआ कि जायसवाल गठबंधन प्रत्याशी को जिताने की अपील जारी करेंगे। विधायक मोहम्मद हसन रूमी, अमिताभ वाजपेयी, बंटी सेंगर, आलोक मिश्रा, नौशाद आलम मंसूरी ने बाद में पूर्व मंत्री सुरेंद्र मोहन अग्रवाल से भी निवास पर जाकर भेंट की। माकपा ने भी नसीम सोलंकी को समर्थन देते हुए प्रचार करने का निर्णय लिया है। सपा और कांग्रेस के नेताओं ने माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य पूर्व सांसद सुभाषिनी अली से भी मुलाकात की।