सीसामऊ विस उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नसीम के लिए अखिलेश यादव रोड शो करेंगे तो वहीं डिंपल और शिवपाल करेंगे जनसभा
सीसामऊ विधानसभा होने वाले उपचुनाव के लिए एक बार सपा कमर कस कर तैयार हो गयी है वोटर का वोट बैंक हासिल करने के लिए सपा सीसामऊ विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी बड़े चेहरों को प्रचार के लिए उतारेगी।
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कई जनसभाएं और रोड शो समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी के लिए किए जाएंगे इन कार्यक्रमों की रूप रेखा तैयार की जा चुकी है
सपा के स्टार प्रचारक सीसामऊ विधानसभा के अलग-अलग वार्डों में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के लिए वोट मांगेंगे
डिंपल और शिवपाल जहां जनसभा को संबोधित करेंगे तो वहीं सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव रोड शो करेंगे
सपा के लिये सीसामऊ सीट पिछले 22 सालों से मजबूत सीट रही है तत्कालीन विधायक इरफ़ान सोलंकी के आगजनी और फोर्जरी के मामलों में महारजगंज जेल में बंद होने के चलते सपा ने इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को सपा के प्रत्याशी के रूप में उतारा है
आपको बता दें कि हाल में ही नसीम के सीसामऊ विधानसभा में बनखण्डेश्वर मंदिर में जल चढ़ाने और दिया जलाने के बाद बरेली से फतवा आ गया और नसीम की दीवाली के दिन पूजा करने की वीडियो वायरल होने के बाद सियासत गरम हो गई हालांकि पथरी से आहट मंदिर ट्रस्ट के पुजारी ने पाखंडेश्वर मंदिर को हरिद्वार के गंगाजल से धोकर शुद्धिकरण किया तो वही बरेली से फतवे के मुताबिक नसीम को तौबा करने और दोबारा कलमा पढ़ने को कहा गया अब ऐसे में जो कि सीसामऊ विधानसभा सीट में मुस्लिम समुदाय की संख्या एक बड़े वोटर के रूप में है फतवा जारी होने के बाद नसीम सोलंकी मुस्लिम वोट बैंक को खतरे में पड़ता देखते हुए नसीम सोलंकी बैक फुट पर आ गई जहां उन्होंने कैमरे के सामने मंदिर जाने की वजह को उनके कुछ नान मुस्लिम कार्यकर्ताओं का दिवाली की रात चुनावी जनसंपर्क के दौरान उनकी दिवाली की खुशी में शरीक होने की वजह से मंदिर जाना बताया और कहा कि वो कोई भी गलत भावना से या किसी के मन को दुखाने के लिए मंदिर में पूजा नहीं किया और आगे से वो इस बात का ध्यान रखेंगी
अब देखने वाली बात यह होगी कि पूजा और फतवे का असर क्या सीसामऊ के मुस्लिम वोटर पर दिखाई देगा
क्योंकि चुनाव या उपचुनाव या कोई भी चुनाव टाईम लाइन बहुत मायने रखती है अगर उपचुनाव से पहले कि दिवाली न होती और नसीम आस्था भाव से पूजा कर लेती तो शायद इतनी बखेड़ न खड़ी होती उपचुनाव के मौसम में नसीम का मंदिर जाना भक्ति भाव के बजाय सियासी रंग की भेंट चढ़ गया