विषय – *अवैध नर्सिंग होम्स के खिलाफ एवं प्राइवेट प्रैक्टिस की बहाली के लिए मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन*।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में मुख्य मंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से भेंट किया गया। ज्ञापन में कहा गया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र की चिकित्सीय व्यवस्था बेहद बदहाल है। बुन्देलखण्ड में लोगो के पास धन का बहुत अभाव है जिस कारण यहां के लोग सरकारी चिकित्सीय सुविधाओ पर निर्भर रहते है। आधे से भी ज्यादा चिकित्सीय पद खाली पड़े है, साथ ही चिकित्सीय उपकरण व संसाधनों की भी बहुत कमी हैं। बुंदेलखंड में समस्त मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सी. एच. सी. एवम् पी.एच. सी. में जितने भी मेडिकल, पैरा मेडिकल, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त है उन्हे प्राथमिक स्तर पर भरा जाए जिससे गरीब लोगो को सस्ती एवम् अच्छी चिकित्सीय सुविधा प्राप्त हो सके।
बुन्देलखण्ड में धड़ल्ले से बिना नक्शा पास करवाए , गैर भू उपयोग वाली भूमि पर निर्माण, बिना अग्नि शमन यन्त्र लगाए, बिना सरकार की वैध अनुमति लिए, बिना प्रदूषण उपकरण लगाए, वही दवाएं लिखी जाती है जो संबंधित चिकित्सक के नर्सिंग होम में स्थापित केमिस्ट की दुकान पर ही मिलती है एवम् बिना मानदंड के निर्मित भवन का निर्माण पर चलाए जा रहे है। अनेक बार आप मान्यवर एवम् वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करने पर जांच के नाम पर जांच करके शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। अवैध नर्सिंग होम्स के संचालन में महंगी चिकित्सा के कारण लोगो के निजी मकान, जमीन और यहां तक कि पत्नी का मंगलसूत्र तक बिक जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार से संबंधित अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों के जांच के आदेशों की अव्हेलना कर स्थानीय अधिकारी अपनी जेब भरते है या फिर सब कुछ प्रदेश स्तर तक व्यवस्थित हैं जिस कारण प्राइवेट नर्सिंग होम्स इतनी कमियों के बाबजूद धडेल्ले से कार्य कर रहे है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी चिकित्सको की प्राइवेट प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाया हुआ हैं जिसके बदले सरकारी चिकित्सको को नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस दिया जाता है। परन्तु उत्तर प्रदेश सरकार अपने प्रतिबंध को लागू करवा पाने में भ्रष्ट्राचार के कारण असफल सिद्धि हो रही है। इससे बेहतर हैं की उत्तर प्रदेश सरकार को सरकारी चिकित्सको की प्राइवेट पर से प्रतिबंध समाप्त कर देना चाहिए जिससे भ्रष्ट्राचार एवम् चिकित्सको का उत्पीड़न समाप्त हो जायेगा व नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस नही देना पड़ेगा जिससे बचने वाली बड़ी धनराशि से अनेक चिकित्सको की नियुक्ति कर अस्पतालों में रिक्त पड़े पदों को भर कर लोगो को सुलभ चिकित्सा उपलब्ध करवाई जा सकती है।
ज्ञापन में कहा गया कि चिकित्सा के क्षेत्र आउट सोर्स बिलकुल समाप्त कर दी जाए, चिकित्सा में लोगो के जीवन को खतरा पैदा हो जाता हैं इसलिए इसमें हाइली स्किल्ड लोगो को पूरे वेतन पर रखा जाना चाहिए। यदि यथा शीघ्र कार्यवाही प्रारम्भ नही की गई तो मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं स्वाथ्य मंत्री सहित स्थानीय अधिकारियों का विरोध किया जायेगा।
ज्ञापन देने वालों में अशोक सक्सेना, रघुराज शर्मा, कुंवर बहादुर आदिम, हनीफ खान, प्रदीप झा, नरेश वर्मा, सईदा बेगम, प्रभु दयाल कुशवाहा आदि शामिल रहे।
भवदीय
भानू सहाय अध्यक्ष
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा