कानपुर

 

किन्नर समुदाय की राष्टीय अध्यक्ष का हाई प्रोफाइल ड्रामा पुलिस कमिश्नर ऑफिस में ताली बजा बजा कर काटा हंगामा

 

कानपुर के पुलिस कमिश्नर कार्यालय में आज उसे समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब किन्नर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने रैली की परमिशन न दिए जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। इस हंगामे से दहशत में आये पुलिसकर्मी इधर उधर हो गए। किन्नर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा कमिश्नर से मुलाकात करने की मांग को लेकर कार्यालय के बाहर ही धरना दे दिया गया। लगभग एक से डेढ़ घंटे तक चले हंगामे के बाद भी पुलिसकर्मियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की पुलिस कमिश्नर से मुलाकात नहीं कराई।काफी देर बाद पुलिस अफसर ने किन्नर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि वह देर रात तक इस मामले में मंथन कर परमिशन की व्यवस्था करेंगे। किन्नर समाज द्वारा कानपुर क्वीर प्राइड मार्च का आयोजन 10 नवंबर को किया जा रहा है।इस मार्च की परमिशन पूर्व में प्रशासन द्वारा दिए जाने पर किन्नर समाज ने अपने समुदाय के देश भर में फैले लोगों को सूचना देकर उन्हें कानपुर बुला लिया था परंतु अचानक ही एक दिन पूर्व पुलिस प्रशासन द्वारा इस मार्च को निरस्त किए जाने की सूचना मिलने पर पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे किन्नर समुदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमा चौधरी ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करने के लिए समय मांगा परंतु कमिश्नर द्वारा समय न दिए जाने पर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमा चौधरी ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा किन्नर समाज के साथ भेदभावपूर्ण नीति अपनाई जा रही है पहले परमिशन दी जाती है और इन कार्यक्रम के पूर्व ही उसे निरस्त कर दिया जाता है। जब माननीय न्यायालय द्वारा किन्नर समाज को समाज में एक स्थान दिया है और उनकी कानूनी मान्यताएं बहाल की हैं तब पुलिस द्वारा किए जा रहे इस भेदभावपूर्ण व्यवहार को लेकर समाज में भ्रांतियां उत्पन्न हो रही हैं।राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमा ने कहा कि वह लोग 10 नवंबर को अपना मार्च निकालेंगे और इसके लिए वह पूरी तरह से कटिबंध हैं पुलिस प्रशासन द्वारा जो पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है वह किसी भी दशा में उचित नहीं है। 10 नवंबर को निकलने वाली यह गौरव यात्रा बड़ा चौराहा से शुरू होकर नाना राव पार्क तक जाएगी इसमें थर्ड जेंडर समुदाय के सैकड़ो लोग भाग लेंगे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमा चौधरी ने कहा कि अगर हमारी यह गौरव यात्रा नहीं निकली या प्रशासन ने इसमें रोक लगाई तो वह लोग जेल यात्रा करने के लिए भी तैयार हैं।

 

 

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