कानपुर 11 नवंबर,

चंद्रशेखर आजाद जन कल्याण समिति भारत द्वारा प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी पूर्व प्रथम केंद्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की पावन जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मोती झील स्थित उनके स्मारक स्थल पर आयोजित की गई। अध्यक्ष सर्वेश कुमार पांडे ”निन्नी” ने स्मारक पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर स्मारक के स्थल पर आयोजित सद्भावना सभा की अध्यक्षता करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजसेवी सर्वेश कुमार पांडे ”निन्नी” ने मौलाना आजाद को जंग-ए-आजादी का महान चोटी का स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व नेता बताया और कहा कि उन्होंने ब्रितानी हुकूमत के विरुद्ध अनेक सत्याग्रह व आंदोलन में गांधी, नेहरू, किदवई आदि नेताओं के साथ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्होंने कोलकाता से समाचार पत्र निकालकर अंग्रेजी जुल्म, दमन के विरुद्ध अपनी निर्भीक लेखनी से प्रबल विरोध कर अपनी निडरता का परिचय दिया। वहीं उन्होंने दमिक भारतीयों में साहस का संचार कर उन्हें आंदोलन से जोड़ने का अद्भुत कार्य किया। वह एकता, सद्भावना के सच्चे मसीहा थे। निन्नी पांडे ने कहा कि देश की आजादी के बाद नेहरू सरकार में प्रथम केंद्रीय शिक्षा मंत्री बनकर देश में बेमिसाल काम करते हुए अनेक शिक्षा संस्थानों की स्थापना की वही गरीब कमजोर लोगों की भरपूर सहायता की। आजादी से लेकर देश के निर्माण में उनकी भूमिका व योगदान को देश आजीवन याद रखेगा।

सभा का संचालन करते हुए राकेंद्र मोहन तिवारी ने कहा कि मौलाना आजाद अद्भुत व्यक्तित्व, सादगी व करूणा की प्रतिमूर्ति थे। उनका जीवन कार्य पाठ पुस्तकों में समाहित होना चाहिए। सभा में पूर्व शिक्षक अनिल त्रिपाठी, वी०डी० जायसवाल, माजिद इरसाद, तिलक चंद्र कुरील, दीनानाथ द्विवेदी, श्याम देव सिंह, शिक्षक विवेक मिश्रा, पार्षद सुनील पासवान प्रमुख रूप से थे।

अंत में प्रस्ताव पास कर नगर निगम से उनके स्मारक स्थल का टूटा गेट बदलकर नए गेट लगाने व सुंदरीकरण कराने की मांग की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *