भारतीय संविधान दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन

 

 

 

 

कानपुर ,दलित पँथर, उत्तर प्रदेश व सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय संविधान दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन मैकरावर्टगंज प्रान्तीय कार्यालय भारतीय दलित पैंथर, कानपुर नगर में किया गया जहाँ पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना पर प्रकाश डालते हुए आये हुए अतिथिगणों ने अपने विचारों से लोगों को अवगत कराया गया कि भारत गणराज्य एक लोकतांत्रिक देश है जिसमें सभी व्यक्तियों में भाषा खान-पान और रहन-सहन की विभिन्नताओं के बाद भी एकता के सूत्र में बंधकर रहते है। इस देश की एकता का मूल कारण इस देश का संविधान है डॉ० बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में तैयार किया गया है। बाबा साहब द्वारा रचित संविधान में सभी को मौलिक अधिकार दिये गये व्यक्ति की अभिव्यक्ति व स्वतंत्रता का पूर्ण ध्यान रखा गया है।

आये हुये अतिथिगणों में मुख्य रूप से राजाराम पाल (पूर्व सांसद), प्रो० वी०एन० पॉल, पवन गुप्ता, अवनीश सालूजा, कुलदीप संखवार (पूर्व राज्यमंत्री), अशोक कुमार, मौलान अब्दुल कुद्दूस हादी,सरदार हरविन्दर सिंह लॉड.संजय गुप्ता (वैश्य महापरिषद)पास्टर जितेन्द्र सिंह, साजिद सर, पास्टर सैमुएल सिंह व अशोक कुमार गौतम (वैज्ञानिक) आदि ने अपने सम्बोधन में बताया कि भारतीय संविधान लोकतांत्रिक देश का सबसे बड़ा ग्रन्थ है जिसमें सम्पूर्ण राष्ट्र की निष्ठा निहित है। भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने अपनाया था और 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। यह दुनिया के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है।कार्यक्रम का आयोजन प्रमुख रूप से प्रेमीजी बौद्ध, रामनरेश, शैलेन्द्र कुमार, बलराम सिंह, जी०डी० सोनकर, प्रशान्त गौतम, विनोद अम्बेडकर, श्रवण कुमार, इं० कोमल सिंह, हाजी वसीक, अशोक कुमार, राधेश्याम भारती, गौरी शंकर कोरी, राजेश गौतम, विनोद पाल, नीरज एडवोकेट आदि लोगों के नेतृत्व में किया गया।

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