नरक बन चुकी है गलिया, शिकायतों के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई

 

प्रधानमंत्री का सपना था स्वच्छ भारत हो अपना लेकिन कानपुर के कुछ क्षेत्र आज भी ऐसे हैं कि जहां रहना अपने आप में काबिले तारीफ है। मोहल्ले की बदबूदार कीचड़ से लवा लव भारी सड़के लोगों के लिए जहां से निकलना मुश्किल हो चुका है। एवं आसपास रह रहे लोगों को बीमारियों का भी खतरा सता रहा है। हम बात कर रहे हैं कानपुर के कबीर नगर के वार्ड 68 की कानपुर का विकास यहां से कोसों दूर है। एक तरफ कानपुर नगर निगम कानपुर को ग्रीन और क्लीन करने के सपने दिखाती है तो वहीं दूसरी तरफ आज भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर विकास अभी तक पहुंचा ही नहीं। सड़के बदबूदार सीवर जाम लेकिन फिर भी नगर निगम के किसी भी अधिकारी को यह चीज ना तो दिखती है ना वह देखने की कोशिश करते हैं। यहां के लोगों का दर्द बातचीत में सामने आया। मोहल्ले के सदस्य परवेज़ ने बताया कि वो लगभग 10 बार अधिकारियों से सफाई की गुहार लगा चुके हैं। एवं पार्षद दुर्गा प्रसाद को भी कई बार कहा है लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। मोहल्ले के लोग जल कल विभाग एवं नगर निगम और क्षेत्रीय पार्षद से रुष्ट दिखे। अब देखना यह होगा कि कानपुर का यह क्षेत्र आखिर कब तक ग्रीन और क्लीन होता है।

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