कानपुर

जिलाधिकारी श्री राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीनसभागार में उ०प्र० के ऊर्जा क्षेत्र के आगामी रिफार्म के दृष्टिगत विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति एवं अन्य संगठनों के सम्भावित आन्दोलन / विरोध प्रदर्शन प्रस्तावित के संदर्भ बैठक संपन्न हुई।

जिलाधिकारी ने अवगत कराया की रिफार्म के उपरान्त पूर्वाचल एवं दक्षिणाचंल डिस्काम में कार्मिकों एवं संविदाकर्मियों के पद समाप्त नहीं होंगे ।

दिनांक 02 दिसम्बबर 2024 को जारी किये गये FAQ में स्पष्ट किया गया था कि रिफार्म के उपरान्त पूर्वाचंल एवं दक्षिणाचल डिस्काम के कार्मिकों को निम्न तीन विकल्प दिये जायेगेः-

(1) उसी स्थान पर बने रहें (पूर्व सेवा शर्तों या बेहतर सेवा शर्तों पर)

(2) UPPCL या अन्य डिस्काम में आ जायें।

(3) आकर्षक VRS लें लें।

ये तीनों विकल्प एक साथ उपलब्ध होगें।

उपरोक्त में प्रथम विकल्प चुनने वाले कार्मिकों के पद नयी कम्पनी में सुरक्षित रहेगें एवं उनकी सेवा शतें पूर्व की भांति या बेहतर होंगी।

द्वितीय विकल्प चुनने वाले कार्मिकों की पावर कारपोरेशन एवं इसके नियन्त्रणाधीन अन्य तीन डिस्कमों में तैनाती की जायेगी। इन कार्मिकों की सेवा शर्तों, प्रोन्नति एवं अन्य लाभो में कोई घटोत्तरी नहीं होगी।

इन निगमों में आमेलित कैडर के कार्मिकों को भी उपरोक्त विकल्प चुनने की सुविधा होगी एवं जो कार्मिक UPPCL या अन्य डिस्काम में जाने के इच्छुक होगें तो इसके लिये प्रत्यर्पण नियमों में संशोधन कर यह सुविधा प्रदान की जायेगी जिसके लिये उ०प्र० पावर कारपोरेशन का निदेशक मन्डल सक्षम है। किसी भी कार्मिक की छंटनी नहीं होगी। यह उ०प्र० शासन एवं पावर कारपोरेशन प्रबन्धन का Commitment है। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 133 में इसकी स्पष्ट व्यवस्था है।

निजी सहभागी प्रबन्धन को भी विद्युत प्रणाली के संचालन एवं अनुरक्षण के लिये बड़ी संख्या में कार्मिकों की आवश्यकता होगी अतः संविदा एजेन्सियों के साथ किये गये अनुबन्ध प्रभावी रहेगें एवं संविदाकर्मियों से यथावत् कार्य कराये जारी रखने के प्राविधान किये जायेगें।

रिफार्म प्रक्रिया के दौरान कर्मियों के कुछ प्रश्न व उनके सुझाव निम्नवत है

प्रश्न-1 क्या कामन कैडर के कार्मिकों यथा अवर अभियन्ता एवं अभियन्ताओं को पावर कारपोरेशन में प्रत्यावर्तित कर पदावनति एवं छंटनी की जायेगी ?

उत्तर- यह नितान्त कोरी अफवाह है, पावर कारपोरेशन में किसी भी अधिकारी / कर्मचारी का प्रत्यावर्तन होने पर न तो पदावनति की गयी और न ही वेतन या अन्य लाभों में घटोत्तरी की गयी।

प्रश्न-2 क्या बड़े पैमाने पर उच्च पदो से निचले पदों पर पदावनति होने पर आगे भविष्य में बड़े पैमाने पर सभी पदों पर पदोन्नति अवरूद्ध हो जायेगी?

उत्तर- पावर कारपोरेशन में किसी भी कार्मिक की पदावनति नही की गयी और न ही अन्य लाभों में कमी की गयी। पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम से पावर कारपोरेशन वापस आने वाले विकल्प का चयन करने वाले कार्मिकों की तैनाती पावर कारपोरेशन एवं इसके नियन्त्रणाधीन अन्य डिस्कामों में की जायेगी। इसके उपरान्त यदि आवश्यक्ता हुयी तो शेष कार्मिकों का समायोजन नयी प्रशासनिक इकाईयों का गठन करके किया जायेगा। अतः पदोन्नति के अवसरों में कोई कमी नही होगी व यह सेवा शर्तों के अनुरूप होगें। यदि इसके उपरान्त भी Surplus Staff रहता है तो पदोन्नति हेतु अस्थायी पद सृजित कर पदोन्नति के अवसर प्रदान किये जायेगें।

प्रश्न-3 क्या रिर्फाम के लिये प्रस्तावित पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल डिस्काम में रहने वाले कार्मिकों को रियायती दर की बिजली की सुविधा समाप्त हो जायेगी?

उत्तर- रियायती दर पर विद्युत उपभोग सुविधा सेवा शर्तों का भाग है एवं अतः इसमें कोई घटोत्तरी नही होगी।

प्रश्न-4 क्या रिर्फाम के उपरान्त VRS लेने वाले कार्मिकों और नयी कम्पनियों में जाने वाले कार्मिकों की चिकित्सा सुविधा समाप्त हो जायेगी?

उत्तर- चिकित्सा सुविधा सेवा शतों का भाग है एवं अतः इसमें कोई मदोत्तरी नहीं होगी।

प्रश्न-5 क्या नयी कम्पनियों में जाने वाले कार्मिकों के चेतन पुनरीक्षण एवं महंगाई भत्ते में वृद्धि की सुविधा समाप्त हो जायेगी?

उत्तर- नयी कम्पनी में जाने चाले कार्मिकों की सेवा शर्ते यथावत या बेहतर होगी एवं उनका वैवन पुनरीक्षण एवं महंगाई भत्ते में वृद्धि सेवा शर्तों के अनुसार मिलती रहेगी।

प्रश्न-6 क्या VRS देने के नाम पर कार्मिकों की छटनी की जा रही है?

उत्तर- रिफार्म प्रक्रिया में पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल डिस्काम के कार्मिकों को आर्कषक VRS का विकल्प स्वैच्छिक है एवं किसी भी कार्मिक की छटनी का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। जी कार्मिक (आमेलित कैडर को सम्मिलित करते हुये) पावर कारपोरेशन में वापस आना चाहेगें वो वाफ्य आ सकते है।

प्रश्न-7 क्या नयी कम्पनियों में जाने वाले कार्मिकों के सी०पी०एफ० एवं जी०पी०एफ० में जमा धनराशि का क्या होगा?

उत्तर- कार्मिकों की सी०पी०एफ० एवं जी०पी०एफ० में जमा धनराशि के रख-रखाव एवं नियोजन हेतु स्वतंत्र ट्रस्टों का गठन पूर्व से है, जिसके बोर्ड में कार्मिकों की भी सहभागिता है। इसी व्यवस्था से आगे भी कार्य होता रहेगा। जो कार्मिक नयी कम्पनी में जाने का विकल्प चयन करेंगे उनका अंशदान कम्पनी द्वारा ट्रस्ट में जमा किया जायेगा तथा ऐसे कार्मिकों का अन्तिम भुगतान भी ट्रस्ट के माध्यम से होगा।

प्रश्न-8 क्या नयी कम्पनी में जाने वाले पेंशनधारी कार्मिकों का पेशन अंशदान निजी कम्पनी द्वारा नहीं नहीं दिया जायेगा?

उत्तर- जिन कार्मिकों को पेंशन की सुविधा सेवा शर्तों का भाग है उनको पेंशन की सुविधा यथावत रहेगी। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में पेंशन का सारा दायित्व पूर्व से ही राज्य सरकार द्वारा निर्वहन किया जा रहा है एवं इसमें आगे भी पूर्व प्रक्रिया के अनुसार पेंशन दी जाती रहेगी।

प्रश्न-9 क्या पावर कारपोरेशन अपने कार्मिकों के हित एवं कार्य दक्षता बढ़ाने हेतु उनको उत्पादन निगम द्वारा संयुक्त उपक्रम के रूप में लगाये जा रहे धर्मल पावर प्लाटों में तनात करेगी?

उत्तर- पूर्व में एन०टी०पी०सी० को दिये गये ऊँचाहार और टाण्डा थर्मल पावर प्लांट एन०टी०पी०सी० को बेचे गये थे और इनमें पूरा प्रबन्धन तथा स्वामित्व एन०टी०पी०सी० का है। अतः वर्तमान में लगाये जा रहे नये प्लांटो की स्थिति इनसे भिन्न है। वर्तमान में लगाये जा रहे नये प्लांटों जैसे ओबरा D. जवाहरपुर, घाटमपुर, मेजा और अनपरा E में उत्पादन निगम की भी बराबर की हिस्सेदारी है और इनके Board में उत्पादन निगम के भी सदस्य हैं। इसलिए इन IV में डेपुटेशन पर 50% तक प्रदेश के ऊर्जा निगमी (उत्पादनर ट्रांसमिशन और वितरण) के कार्मिकों को भी भेजे जाने का निर्णय उत्पादन निगम के निदेशक मंडल में लिया गया है और इस हेतु NTPC एवं NIC से अनुरोध किया जा रहा है। ये प्लांट 660 और 800 मेगावाट क्षमता के नवीन तकनीक के साथ बनाये जा रहे है और इनमे उत्पादन निगम के कार्मिकों को भी तैनात करने का अनुरोध अभियंताओं द्वारा किया जाता रहा है।बैठक के दौरान जिलाधिकारी द्वारा सम्भावित आन्दोलन के दृष्टिगत एक dfUVatsUlh प्लान बनाने के निर्देश दिए गए ।

उन्होने कहा कि केस्को के उपकेन्द्रों के परिचालन व अन्य कार्यों को कराने वाली एजेन्सियों को निर्देशित किया गया कि वह स्पेयर व उनके अधीन कार्यरत अन्य कर्मचारियों की सूची पता व मोबाइल नं० के साथ केस्को को उपलब्ध कराए।पुलिस विभाग को निर्देशित किया गया कि संवेदनशील उपकेन्द्रों के समीप अपनी पिकेट तैनात करना सुनिश्चित करें।

एच०बी०टी०आई०, पॉलीटेक्निक अन्य इंजीनियरिंग कालेज, आई०टी०आई० सम्बन्धित Electrical Final year छात्रों की सूची मोबाइल नम्बर केस्को को उपलब्ध कराए। एक मोबाइल ग्रुप में सभी विद्युत से जुड़े विभागों, प्रशासन व केस्को के नोडल अधिकारियों, कार्यदायी संस्थाओं को सम्मिलित किया जाए।

जिलाधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया जैसे परिवर्तक व अन्य सामग्री, कर्मचारी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होना चाहिए।बैठक के दौरान केस्को के प्रबन्ध निदेशक श्री सैमुअल पाल एन०, डी०सी०पी० मुख्यालय, निदेशक (तक०) श्री राकेश ok’.ksZ;, अधीक्षण अभियन्ता श्री प्रवेश कुमार, श्री रविचन्द्र श्रीवास्तव, श्री पी०के० सिंह एवं श्री अंकित कुमार, द०वि०वि०नि०लि० के मुख्य अभियन्ता श्री राम नरेश सरोज, अधीक्षण अभियन्ता श्री आर०के० सिंह, पारेषण से श्री गुलाब सिंह व हिमांशू अधीक्षण अभियन्ता, चीफ जनरल मैनेजर पनकी पावर हाउस, राजकीय पॉलीटेक्निक के एच०ओ०डी० श्री राकेश गंगवार, ए०सी०एम०ओ० डा० आर०पी० मिश्रा, कानपुर विकास प्राधिकरण से सचिव, श्री अभय पाण्डेय, केस्को में कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, मेसर्स के०ई०आई० प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ उपस्थित रहे।

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