कानपुर

 

कानपुर मेट्रोः कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक एस्केलेटर लगाने का काम हुआ पूरा

 

स्टेशनों पर लिफ्ट लगाने की प्रक्रिया भी तेजी से बढ़ रही आगे

 

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) द्वारा जनवरी 2025 में कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो सेवा आरंभ करने के लिए तैयारियां तेजी से अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रही हैं। इस क्रम में कानपुर मेट्रो ने मोतीझील के बाद पड़ने वाले पांचों स्टेशन; चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल पर एस्केलेटर लगाने का काम पूरा कर लिया है। एस्केलेटर के अलावा इन स्टेशनों पर लिफ्ट लगाने का काम भी साथ-साथ किया जा रहा है। बता दें कि स्टेशनों पर लगने वाले सभी एस्केलेटर और लिफ्ट का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत भारत में ही किया गया है।

 

कानपुर मेट्रो के चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक पांच स्टेशनों पर कुल 23 एस्केलेटर लगाए गए हैं। चुन्नीगंज, नवीन मार्केट और बड़ा चौराहा स्टेशनों में से प्रत्येक पर 4, नयागंज स्टेशन पर कुल 5 और कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर कुल 6 एस्केलेटर इंस्टॉल किए गए हैं। इन स्टेशनों पर एस्केलेटर लगाने के बाद उनके लोड टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। एस्केलेटर के अलावा सभी स्टेशनों पर लिफ्ट लगाने का काम भी तेजी से हो रहा है। उक्त पांच स्टेशनों में इंस्टॉल करने के लिए निर्धारित 15 में से 11 लिफ्ट लगाए जा चुके हैं।

 

विदित हो कि कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के तहत इस्तेमाल किए जाने वाले ये सभी एस्केलेटर और लिफ्ट ’मेक इन इंडिया’ के तहत चेन्नई में निर्मित हैं। मेट्रो में इंस्टॉल किए जा रहे एस्केलेटर्स की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये पर्यावरण हितैषी हैं। यदि एक निश्चित समय तक इनका उपयोग नहीं किया जाता है, तो ऊर्जा संरक्षण के लिए ये स्वतः रुक जाते हैं। ये एस्केलेटर्स क्रॉलिंग मोड से लैस हैं और दो अलग-अलग गति से चल सकते हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, आपातकालीन स्थिति में एस्केलेटर को तुरंत रोकने के लिए इनमें तीन आपातकालीन स्टॉप बटन भी हैं। ये एस्केलेटर ऑटोमेटिक अनाउंसमेंट के माध्यम से यात्रियों को हैंड रेल पकड़ने के लिए सुरक्षा निर्देश भी देते हैं। स्टेशन नियंत्रण कक्ष में एस्केलेटर संचालन की निगरानी और नियंत्रण के लिए रिमोट मॉनिटरिंग और कंट्रोल सिस्टम की व्यवस्था है।

 

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने कहा कि, ‘‘कानपुर मेट्रो टीम मोतीझील के आगे कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा आरंभ करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटी हुई है। चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक एस्केलेटर इंस्टॉल करने का काम पूरा किया जा चुका है और इनके लोड टेस्टिंग की प्रक्रिया चल रही है। आने वाले दिनों में मोतीझील के आगे कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन किया जाएगा। हमारा अंडरग्राउंड मेट्रो रूट शहर के सबसे व्यस्त इलाकों के नीचे से गुजरता है। मेट्रो यात्री सेवा के विस्तार से शहर के अंदर यात्रा अत्यधिक सुगम और सुविधाजनक हो जाएगी। आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक का सफर सवा घंटे की जगह आधे घंटे से भी कम समय में पूरा हो सकेगा।”

 

वर्तमान में, लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन यानी चुन्नीगंज से नौबस्ता तक चल रहे निर्माण कार्य के अलावा लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) का निर्माण कार्य भी तेजी से बढ़ रहा है। कॉरिडोर-2 पर टीबीएम मशीन ‘गोमती‘ द्वारा टनल निर्माण का कार्य भी आरंभ हो चुका है।

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