कानपुर; दिनांकः 15.12.2024

 

*कानपुर मेट्रोः ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन को ‘अप-लाइन‘ पर ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन से किया गया लॉन्च*

 

*कॉरिडोर-1 के अंतर्गत शेष बचे हुए लगभग 1.80 किमी लंबे स्ट्रेच पर झकरकटी होते हुए कानपुर सेंट्रल तक बनाएगी टनल*

 

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी – नौबस्ता) के अंतर्गत स्वदेशी कॉटन मिल से कानपुर सेंट्रल की तरफ चल रहा टनल निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। दोनों टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम मशीन) ‘आजाद‘ और ‘विद्यार्थी‘ ने स्वदेशी कॉटन मिल के निकट स्थित रैम्प एरिया से ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन तक लगभग 330 मीटर लंबे टनल का निर्माण पूरा कर लिया है। ’आजाद’ टीबीएम मशीन ‘अप-लाइन‘ पर और ’विद्यार्थी’ टीबीएम मशीन ‘डाउनलाइन‘ पर टनल निर्माण कर रही है। ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन को अक्टूबर में ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन स्टेशन पहुंचने के बाद लगभग 215 मीटर दूरी तक ‘ड्रैग’ करते हुए स्टेशन के दूसरे छोर पहुंचाया गया था। यहां से इस मशीन को आज कानपुर सेंट्रल तक लगभग 1.80 किमी लंबे शेष बचे हुए अंडरग्राउंड स्ट्रेच पर टनल निर्माण के लिए लॉन्च कर दिया गया। यह मशीन अब ‘अप-लाइन‘ पर लगभग 720 मीटर टनल का निर्माण करते हुए झकरकटी अंडरग्राउंड स्टेशन पहुंचेगी। इसे वहां पुनः ‘ड्रैग’ करते हुए 158 मीटर लंबे स्टेशन के दूसरे छोर तक पहुंचाया जाएगा, जिसके बाद इस मशीन को आखिरी बार कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक लगभग 940 मीटर लंबे टनल निर्माण के लिए लॉन्च कर दिया जाएगा।

 

*समय की बचत के लिए ’ड्रैगिंग’ प्रणाली का उपयोग*

लगभग 80 मीटर लंबे ’आजाद’ टीबीएम मशीन को ट्रांसपोर्ट नगर अंडरग्राउंड स्टेशन पहुंचने के बाद सबसे पहले ’ड्रैगिंग’ प्रणाली की मदद से स्टेशन के दूसरे छोर तक पहुंचाया गया। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) के सिविल इंजीनियरों ने इसके लिए मेट्रो स्टेशन के अंदर पहले ही प्लैटफॉर्म लेवल का निर्माण पूरा कर लिया था, जिससे मशीन को ’ड्रैग’ किया जा सके। आमतौर पर मशीनों को अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन के अंदर ‘ड्रैग‘ यानी खींचा नहीं जाता, बल्कि स्टेशन के एक छोर पर रिट्रीवल शाफ्ट तैयार कर बाहर निकाला जाता है और फिर दूसरे छोर पर बने लॉन्चिंग शाफ्ट से दोबारा लॉन्च किया जाता है। ’ड्रैगिंग’ प्रणाली के उपयोग से इस पूरी प्रक्रिया में लगने वाले समय की बचत हो गई।

 

विदित हो कि कॉरिडोर-1 के अंतर्गत लगभग 8.20 किमी लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन में चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल, झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर, कुल 7 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं। कानपुर मेट्रो ने मोतीझील और चुन्नीगंज स्टेशन के बीच मैकरॉबर्टगंज स्थित रैंप एरिया से कानपुर सेंट्रल तक टनल निर्माण की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली है। इस स्ट्रेच में ट्रैक निर्माण और थर्ड रेल इंस्टॉल करने के बाद यात्री सेवा आरंभ करने की तैयारी की जा रही है।

 

इस अवसर पर यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने कहा कि, “कानपुर मेट्रो द्वारा आज ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन को ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक टनल निर्माण के लिए ‘अप-लाइन‘ पर लॉन्च कर दिया गया है। ‘डाउनलाइन‘ पर चल रही ‘विद्यार्थी‘ टीबीएम मशीन भी ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन पहुंच चुकी है। इसे स्टेशन के दूसरे छोर तक ’ड्रैग’ करने के बाद जल्द ही ‘डाउनलाइन‘ पर लॉन्च किया जाएगा। मुझे खुशी है कि कानपुर मेट्रो की टीम शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले और व्यस्ततम इलाकों के नीचे से टनल निर्माण के चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दे रही है। मेट्रो निर्माण का मतलब केवल खाली जगह पर सीमेंट और स्टील के ढांचे खड़ा करना नहीं है, बल्कि लोगों को समझाना, रास्ते तलाशना, स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क बनाना भी इस कार्य का अभिन्न हिस्सा है। सबकी सहमति और समन्वय से इस महती कार्य को अंजाम देना अपने आप में ’ह्यूमन इंजीनियरिंग’ है। कानपुर मेट्रो की टीम जनवरी माह में आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा के विस्तार के लिए पूरी प्रतिबद्धता से प्रयास कर रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि अपने लगन और समर्पण से टीम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगी‘‘।

 

वर्तमान में, लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन यानी चुन्नीगंज से नौबस्ता तक चल रहे निर्माण कार्य के अलावा लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) का निर्माण कार्य भी तेजी से बढ़ रहा है।

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