एंकर- कानपुर में काकोरी क्रान्ति के अमर शहीदों के बलिदान दिवस पर केस्को कर्मचारियों एवं अभियंताओं ने मानव श्रृंखला बनाकर शहीदों के सपनों का भारत बनाओ बिजली का निजीकरण हटाओ” दिवस मनाया।

 

केस्को के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों एवं अभियंताओं ने शाम को बिजलीघर परेड पर इकट्ठा होंकर, एक मानव श्रखला बनाकर कैंडिल लाइट के साथ निजीकरण विरोधी प्लेकार्ड के साथ नारेबाजी कर विरोध किया। सभा में अमर शहीदों पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर शपथ ली गयी कि चिजली का निजीकरण किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे और निजीकरण का निर्णय वापस लिए जाने तक लोकतांत्रिक ढंग से संघर्ष किया जायेगा।

 

इस मौके पर वहां मौजूद संघर्ष समिति के पदाधिकारी ने बताया है कि वर्ष 2000 में विद्युत परिषद का विघटन होने के समय तक अभियन्ता प्रबन्धन था और विद्युत परिषद बनने के बाद 1959 से 2000 तक 41 वर्षों में मात्र 77 करोड रूपये का घाटा था जो विद्युत परिषद का विघटन होने के बाद आई ए एस प्रबन्धन के रहते एक लाख दस हजार करोड रूपये केवल 24 वर्ष में पहुँच गया। घाटे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदारी प्रबन्धन की होती है किन्तु प्रबन्धन कर्मचारियों पर घाटा थोप कर अरबों-खरबों रूपये की सार्वजनिक सम्पत्ति पहले से तय कुछ निजी

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