आज कानपुर की महापौर ने नगर निगम मुख्यालय स्थित कार्यालय में प्रेस वार्ता की वार्ता में कहा अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में स्थित नगर निगम सीमान्तर्गत पुराने मन्दिर जहॉ पूजा अर्चना बन्द करा दी गयी है। उन मन्दिरों की खोज के सम्बन्ध में मेरे द्वारा अभियान चलाया जा रहा है, ताकि उन मन्दिरों में पुनः पूजा अर्चना प्रारम्भ हो सके, जिसका अल्पसंख्यक समुदायक के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है, कि इससे साम्प्रदायिक सौहार्द खराब होगा।

मेरे द्वारा मन्दिरों की खोज करने पर यह ज्ञात हुआ है, कुछ मन्दिरों पर कब्जे हो गये है या उनका स्वरूप परिवर्तित कर दुकान या व्यायवसायिक उपयोग शुरू हो गया है, जिसे वीडियों या फोटो के माध्यम से देखा जा सकता है। पूजा अधिनियम 1991 के अनुसार जितने भी धार्मिक स्थल देश की आजादी 1947 से पूर्व जिस स्थिति में थे, उसे परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। मैने नगर निगम के पंचशाला से लगभग 100 से अधिक पुराने मन्दिरों की सूची निकलवायी है, उसी के आधार पर मन्दिरों की खोज की जा रही है। मेेरा कार्य केवल मन्दिरों का मूल स्वरूप बचाने एवं उसकी साफ-सफाई से है, किसी भी प्रकार का आपसी सौहार्द बिगाड़ना मेरा उद्देश्य नहीं है।

इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी कानपुर एवं पुलिस आयुक्त, कानपुर को पत्र भेज रही हूॅ कि जिन मन्दिरों के मूल स्वरूप में परिवर्तन हुआ है या उन पर कब्जे है, उनके विरूद्ध पूजा अधिनियम 1991 के अनुसार विधिक कार्यवाही कराये जाने का कष्ट करें।

 

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