फ़ितनों के दौर में वज़ीर आज़म का उर्स ख़्वाजा साहिब के मौके पर चादर भेजना,देश को मज़बूत करने वाला कदम है,: सूफ़ी कौसर मजीदी।

 

कानपुर नगर। एक तरफ कुछ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली ताकतें,देश के सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की प्रतीक दरगाह हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह पर,लगातार उंगलियां उठा रही हैं, तो दूसरी तरफ पिछले दस सालों से उर्स ख़्वाजा साहिब के मौके पर चादर और शुभकामनाएं भेजने की परंपरा को बरकरार रखते हुए चादर और शुभकामनाएं भेज कर कट्टरपंथी शक्तियों को, करारा जवाब दिया है,इस संबंध में स्वागत और आभार व्यक्त करते हुए सूफी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी एडवोकेट ने वक्तव्य जारी किया है।

केंद्रीय कार्यालय कानपुर नगर से वक्तव्य जारी करते हुए सूफी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष, सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने कहा कि,दरगाह शरीफ हजरत ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती संजरी अजमेरी बाबा ग़रीब नवाज, न सिर्फ़ भारत बल्कि दुनिया भर में फैले मानवतावादियों की प्रेरणा स्रोत है।पिछले कई वर्षों से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा उर्स के मौके पर शुभकामना संदेश के साथ चादर भेजी जाती रही है,आज जब कुछ कट्टरपंथी शक्तियां गंगा जमुनी तहजीब के जन्मदाता हजरत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को निशाना बना रही हैं,उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा उर्स के मौके पर चादर के साथ जो शुभकामना संदेश दिया गया है,वह भारत की सहिष्णुता और सेकुलर स्वरूप को मजबूत करने वाला है।

उन्होंने कहा कि फ़ित्नो के इस दौर में प्रधानमंत्री जी का यह कदम देश की एकता को मजबूत बनाने वाला है।

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