कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन भारत क्षेत्र जोन 1 उत्तर प्रदेश उत्तराखंड विधानसभा मण्डल कि महिला सदस्यों के सम्मलेन में सतीश महाना ने कहा कि अभी यूपी में एके 47 महिला विधायक थीं, अब नसीम सोलंकी को मिलाकर 49 हो गयीं।
90 फीसदी महिला सदस्य कार्यक्रम में पहुंची। बिठूर कि धरती से पूरे देश में मेसेज जाए कि महिला सदस्यों ने किस तरह से अपनी बात रखी। पहला सेशन ख़त्म हो गया। सतीश महाना ने संबोधन शुरू किया, उन्होंने कहा कि सीपीए के कॉन्फ्रेंस में जहा भी कही हुई हर जगह विषय पर चर्चा हुई उसमे विधायिका में महिलाओं कि भागीदारी कैसे हो, समझ में कैसा संदेश है। विस्तार कैसे किया जा सकता है उस पर विश्वास कैसे किया जा सके उस पर कि यहां महिला कॉन्फ्रेंस हो रही है।
उत्तराखंड कि ऋतू खंडूरी यहां हैं, पहले कहा जाता था कि जिसको कुछ नहीं आता वह राजनीति करता है लेकिन आज ऐसा नहीं है। जिसको सब कुछ आता है वह ही यहां रहता है। पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड कि गवर्नर हैं। महाराज जी यहां प्रेजेंट 100 फीसदी है। सभी आएं हैं। यहां कि गूँज पूरे देश में जायेगी।
विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड रितु खंडूरी ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूँ कि आपके साथ मंच पर हूं, महिलाओ के लिए आप यहां आए शुक्रिया…। विधायिका में महिला सदस्यों कि भूमिका पर यह गोष्ठी हो रही है। मानव जीवन में महिलाओं का हमेशा से विशेष योगदान रहा है। महिलाओं कि लम्बी है, जिन्होंने अपने कार्य से देश और विश्व का नाम किया। लेकिन दूसरा पहलु है कि महिलाओं के साथ अपराध हो रहा है, हम रोज सुनते हैं शिक्षा में ड्रॉपद हो रहा है। आज भी पुरानी कहावत को इस्तेमाल करते हैं। ज़ब हमको रिजर्वेशन मिला तो हमें 25 फीसदी है लेकिन जिस हिसाब से यह बढ़ रहा है 50 फीसदी पहुँचने में हमें 2050 हो जायेगा।
अभी भी यह पुस्लरुष प्रधान देश है, अभी भी महिलाओं से घर में पूछा जाता है कि तुम यह कर सकती हो क्या, मेरे घर में भी पूछा जाता है। महिला को सबसे तंग करने का सबसे आसान कार्य है कि कैरेक्टर पर उंगली उठा दो। समाज की सोच बदलनी होंगी। स्त्री किसी से काम नहीं है चुनने कि आजादी हमारे पास होनी चाहिए, बेटियों को शिक्षा दीजिये लड़को को संस्कार देना सीखे तो निर्भया जैसे जघन्य अपराध के लिए कानून कि जरुरत नहीं होंगी…कह संबोधन खत्म कर दिया।
CM योगी का संबोधन शुरू
सीएम योगी ने कहा कि महिला सदस्यों का कानपुर में मैं ह्रदय से स्वागत करता हूं। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को मैं बधाई देता हूं। यूपी विधानसभा पिछले ढाई-तीन वर्ष के अंदर अपने नये प्रयोगों के लिए जानी जावरही है हमारी ई विधानसभा पेपर लेस है। हम देश में नंबर वन है। ई प्रणाली लागू है। विधानसभा में दलीत मानसिकता से जुड़े रहते हैं।
जब हम सबके साथ बैठते है तो हम समाज के बारे में सोचते हैं। आप सब यहां एकत्र हुए हैं दुनिया अंदर जो लोग अपने आपको प्रगतिशील कहते हैं उन देशो में महिला सदस्यों की सदस्यता काम है, यूपी में 15 और उत्तराखंड में 10 फीसदी है। जो सुधारता नहीं है उसे प्रकृति सुधार देती है देश में पीएम मोदी के नेतृत्व में देश सुधार की ओर है। लोकतंत्र में हमने कभी अपनी बात को दूसरों पर नहीं थोपा।
सबको उसकी स्वतंत्रता दी उपासना विधि से लेकर जीवन के हर क्षेत्र में फ्री किया। ऐतिहासिक लोकतंत्र है, प्राचीन लोकतंत्र है। भारत ने 1952 में अपना पहला चुनावी किया उस समय पुरुष और महिला दोनों को चुनावी करने का अधिकार दिया। इंग्लैंड में बाद में दिया गया, दुनिया के कई देशो में भारत के बाद में महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। भारत बहुत आगे बढ़ रहा है। महिला और पुरुष एक साथ मिलकर आगे बढ़ा सकती है। इसकी शुरुआत परिवार से होती है। 2017 में सरकर बनी है। यूपी के हर जिले में जाने का मौका मिला। पहले बेसिक शिक्षा के स्कूल में बेटियां नंगे पैर जाती थीं, लेकिन बालको के पैर में जुटे और चप्पल रहते थे।
दिसंबर के माह में एक बिटिया से मैंने पूछा कि स्वेटर नहीं है, उसने कहा नहीं है, कुर्ता भी पुराना था। नंगे पैर थी।पूछा तो कहा कि मैं स्कूल जा रही हूं, उससे पूछा कि ठंड नहीं लग रही है तो कुछ बोलीं नहीं। कहा दो बहन है दो भाई है मैं दूसरे नंबर पर हूं, एक बड़ा भाई है और एक बहन एन भाई छोटा है।
मैं सरकारी स्कुल में पढ़ती हूं, भाई को पब्लिक स्कूल में भेजा है मुझे सरकारी स्कूल भेजा है। सीएम ने कहा कि यह भेदभाव मां-बाप ने किया हो। उसी दिन मैंने लखनऊ में जाकर कहा ड्रेस और जुते दिए जाए। 1.91 करोड़ लोगों को हमने ड्रेस दी। अब बच्चियां कम से कम नंगे पैर तो नहीं जा रहीं।
ऑपरेशन कायाकल्प के जरिये बेसिक स्कूल का इंफ़्रा अच्छा कराया है। यह समझ कि सहभागिता से हुआ जनसहभागिता से हुआ। केवल सरकार के भरोसे कोई स्कीम सफल नहीं होती। समझ कि आहभागिता जरुरी है। हर घर में शौचालय बनवाया। महिलाओं को पहली बार जमीन में अधिकार दिया। गांव में ग्रामीणों के पास जमीन का प्रमाण नहीं होता था, अब घरौंनी के माध्यम से प्रमाण पत्र दिया जाता है। महिला के नाम पर जमीन का अधिकार होता ही है। रसोई गैस का कनेक्शन दिया। आयुष्मान कार्ड दिया, नारी शक्ति अधिनियम बिल पारित हुआ। एक तिहाई विधानसभा सभा में नेतृत्व 2029 तक होने जा रहा है। महिला ग्राम प्रधान, ब्लॉक में भी प्रतिनिधि बढ़ा। विधायिका में तब बढ़ेगा जब वह स्वयं निर्णय लेकर आगे आएंगी। स्पेस साइंस में आगे बढ़ रही है। पहले उत्तर प्रदेश उत्तराखंड एक था। पहले देश कि संविधान सभाई में 15 महिला सदस्य थीं। जिसमे 4 यूपी की थीं। कार्यकाल तब महत्त्व होगा, जब आप मिले समय में क्या किया अपने प्रतिनिधित्व दे रहे गईं। उत्तराखंड में जन्मभूमि रही, उत्तर प्रदेश में काम किया…कहकर CM योगी आदित्यनाथ ने संबोधन खत्म किया।पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्राचीन कल से केवल भारत कि महिलाये नेतृत्व कर रही हैं हम किस तरह मुद्दे को उठातेगे उनको कितना पूर्ण करा सकेंगे आप आएं है मैं दिल से आभार करती हूँ। डिसीजन मेकिंग और पालिसी मेकिंग में हमारा कितना योगदान रहेगा यह जरुरी है। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और उत्तराखंड कि पूर्व गवर्नर का संबोधन खत्म हो गया। वहीं, दूसरा सत्र भी खत्म हो गया।महिला को सशक्त करने का जो कार्य किया है सदन में बोलने का मौका दिया गया है। उस दिन से लगा कि अहम सशक्त हो रही हैं, महिलाओं को प्रधान महिलाये बढ़ रही हैं। चुनावी में मंडल अध्यक्ष में बराबरी मिली। उसके लिए धन्यवाद, अभी तक सरकारों ने ध्यान नहीं दिया गयाख् हम लोग घूँघट में रहते थे, अब कामन हुआ रहा है। अपना 100 फीसदी दिया है।- रमा आरती निरंजन, झांसी
इस तरह का प्रयोग पहली बार हो रहा है, सतीश महाना ने महिलाओं को एक दिन का समय विधानसभा में दिया गया, नये नये कार्यों को दिया। यह हमारे लिए सौभाग्य कि बात है, श्रेय है, मौका दिया पूटे सभी दो दिन सम्मलेन नई दिशा देगा में महिलाओं का यह योगदान है। आधी आबादी महिला क्षेत्र में राजनीति में रहना बहुत जरूरी हैं।