इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, कानपुर शाखा द्वारा आज दिनांक 8 जनवरी 2024, दिन बुधवार को एक पत्रकार वार्ता का आयोजन सांय 4:00 बजे आई.एम.ए. के सेमिनार हॉल में किया गया।

 

इस पत्रकार वार्ता का आयोजन “ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV)” से आम जनमानस को जागरूक करने के लिया किया गया।

 

इस पत्रकार वार्ता को आई.एम.ए. कानपुर की अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी, (प्रो.) डॉ. विकास मिश्रा , माइक्रोबायोलॉजी विभाग जी.एस.वी.एम. मेडिकल कॉलेज कानपुर एवं सचिव आई.एम.ए. कानपुर, डॉ. कुणाल सहाय उपाध्यक्ष, डॉ. राजीव कक्कड़ वरिष्ठ क्षय रोग विशेषज्ञ एवं डॉ दीपक श्रीवास्तव वित्त सचिव आई.एम.ए. कानपुर ने संबोधित किया।

 

विशेषज्ञों ने बताया कि, ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) कोई नया वायरस नहीं है, यह वायरस पहली बार नीदरलैंड (यूरोप) में 28 छोटे बच्चों के रेस्पेटरी सीक्रेशन्स में सन 2001 में पहली बार डिटेक्ट हुआ था।

 

ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस एक नेगेटिव सेंस, Single Standard RNA Virus है, जो कि फैमिली न्यूमोविरडी को बिलॉन्ग करता है, वर्ष 2022 के डेटा के अनुसार, यह दूसरा सबसे कॉमन वायरस है जो विंटर और स्प्रिंग सीजन में Acute Respiratory Tract Illness, Community में फैलाता है, मुख्यतः 5 वर्ष से छोटे बच्चों में, बुजुर्गों (65 वर्ष से ऊपर ) में, एवं Immunocompromised लोगों में ज्यादा इन्फेक्शन करता है।

ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस, कम्यूनिटी में मुख्यतः कामन कोल्ड (Upper Respiratory Tract Infection) करता है, किंतु प्रीमैच्योर नवजात बच्चों, 65 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों एवं इम्युनो कॉम्प्रोमाइज्ड व्यक्तियों में निमोनिया का रिस्क बढ़ जाता है, जिसकी वजह से इन लोगों को हॉस्पिटलाइजेशन की भी जरूरत पड़ सकती है।

 

ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस नाक एवं फेफड़ों के EPITHELIAL CELLS को इन्फेक्ट करता है जिसकी वजह से श्वांस तंत्र में Perivascular Infiltration एवं Inflammation करता है I

इंफेक्टेड मरीज के RESPIRATORY SECRETIONS के द्वारा, इस वायरस का संचार- एरोसॉल, ड्रॉपलेट एवं कॉन्टेक्ट ट्रांसमिशन के द्वारा होता है, जो कि मुख्यतः विंटर और स्प्रिंग सीजन में होता है।

 

HMPV के लक्षण वायरस से सम्पर्क में आने के 3 से 6 दिन में होते है जिसमें मुख्यतः बुखार , खांसी, नाक बहना, गले में खराश, थकान, सिरदर्द, एवं मांसपेशियों में दर्द होता है, जबकि गंभीर मरीजों में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ एवं निमोनिया के लक्षण आते हैं।

 

HMPV वायरस की रोकधाम के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरते:-

 

1. भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएं I

2. पब्लिक प्लेसेस में मास्क पहन कर रखें I

3. खांसने अथवा छींकने वालें व्यक्तियों से उचित दूरी बना कर रखें I

4. अपने आंख, नाक, मुंह को बगैर हाथ धोए न छुएं I

5. अक्सर छुई जाने वाली सतहों को नियमित सेनेटाइज करें I

6. साबुन और पानी से नियमित हाथ धोएं I

7. अन्य साफ सफाई बरतें I

8. पौष्टिक आहार लें और बाहर की तथा ठंडी चीजों से परहेज करें I

 

इस वायरस का कोई स्पेसिफिक इलाज एवं बचाव हेतु वैक्सीन भी नहीं है।

 

संक्रमित होने पर अपने आप को आइसोलेट करें एवं लक्षण अनुसार इलाज किसी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से ही कराए और अपने शरीर को हाइड्रेट रखें।

 

आम जनमानस से अनुरोध है कि घबराएं नहीं यह वायरस सीजनल फ्लू की तरह ही होता है और 9 से 10 दिनों में ज्यादातर मरीज अपने आप ठीक हो जाते है।

 

इस Virus की Diagnosis के लिये, श्वास तंत्र के Secretions को RTPCR विधि से Confirm किया जा सकता है एवम अन्य विधि जैसे:- Electron Microcroscopy, Immunofluorescence Assay, Cell Culture इत्यादि से भी किया जा सकता है I

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