कानपुर
कानपुर समाज कल्याण सेवा समिति द्वारा आयोजित लावारिश शवों के 5 दिवसीय कन्धा दान अभियान के अन्तिम दिन बौद्ध समुदाय की महिलाओं ने दिखायी इन्सानियत की मिसाल। लावारिशों व उनके बिछड़े दुखी परिजनों के आत्म शान्ति के लिये तथागत गौतम बुद्ध व ईश्वर से प्रार्थना की और उनके कदम बढ़ चले कन्धादान के लिये। कन्धा दानियों में महिलाओं ने भी बढ़ चढ कर हिस्सा लिया तथा शवों पर पुरूषों द्वारा फूलों की वर्षा की पोस्ट मार्टम से एक किलोमीटर की दूरी तक सड़क फूलों से पटी रही। विगत दिन की भांति आज भी सड़क पर हुजूम लगा रहा
शव यात्रा में हे मानव तू मुख से बोल बुद्धम् शरणम् गच्छामि धम्मम् शरणम् गच्छामि संघम् शरणम् गच्छामि का उच्चारण करते हुए शव यात्रा को अन्तिम विदाई दी गयी। महिलाओं द्वारा दिये जा रहे कन्धादान अभियान में एक दूसरे से कन्धा बदलते नजर आयीं। इस मौके पर शव यात्रा में शामिल लोगों को सम्बोधित करते हुए समिति के सचिव धनीराम पैंथर ने अपने सम्बोधन में कहा कि सभी धर्मो के लोग इस मुहिम में बढ़ चढ कर हिस्सा ले रहे है…हमारा मकसद यही है…कि जाति धर्म का बन्धन तोड़ो इन्सानियत से नाता जोड़ो। विगत 15 वर्षों से हम गंगा को प्रदूषण से बचा रहे हैं…वर्तमान मे हम 16000 लावारिश शवों का ससम्मान अन्तिम संस्कार करा चुके हैं…हमने इस मुहिम को न चलाया होता तो इतनी लाशों को गंगा में बहाया जाता और गंगा को और प्रदूषित किया गया होता। आइये आप भी हमारी इस महामानव धर्म सेवा कार्य मुहिम में शामिल हों तथा तन-मन-धन से एवं बांस, पन्नी, कफन, चादर दान करें तथा इस मुहिम में लगे 10 कर्मियों को गोद लेकर हमारा हौंसला आफजाई करें। आइये आप भी हमारे कन्धे से कन्धा मिलाकर कन्धादानी व लावारिशों के वारिश बने।