कानपुर नगर

 

पूर्णिमा और संक्रांति स्नान के लिए प्रशाशन ने घाट पर व्यवस्था करी चाक चौबंद, भक्तों का आना लगातार जारी

 

पौष पूर्णिमा का हिंदुओं में बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है । यह तिथि श्री हरि विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए समर्पित होती है । अनेकों भक्त पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण व्रत भी रखते हैं और सुबह तड़के गंगा नदी में स्नान भी करते है । कल सुबह से से संक्रांति भी लग जाएगी । संक्रांति के दिन तो लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करके अपने आराध्य को जल अर्पण करते है । स्नान दान की पूर्णिमा के महत्व को प्रशाशन भी समझता है और इसके चलते गंगा नदी के तटों पर प्रशाशन ने भक्तों के लिए विशेष इंतेज़ाम किए है । घाटों से गंगा नदी की मुख्य धारा तक पहुंचने के लिए अस्थाई पुलिया का निर्माण करवाया गया है और तटों के किनारे महिलाओं के वस्त्र बदलने के लिए अस्थाई झोपड़ियां भी बनाई गई है ।

सरसैया घाट के पुरोहित गोरखनाथ मिश्रा ने स्नान दान की पूर्णिमा और संक्रांति के महत्व को बताते हुए बताया कि यहां सरसैया घाट पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु भोर से ही आने लगते है । आज के दिन से ही गंगा नदी में स्नान शुरू हो जाता है और शिवरात्रि के दिन तक चलता है । जिसको देखते हुए यहां प्रशाशन ने विशेष इंतेज़ाम किए हुए है ।

 

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