कानपुर नगर

 

 

भारतीय गोर्खाओ को राज्य के अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित किये जाने की मांग, उप्र के दस जिलों में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा

 

भारतीय गोरखा परिसंघ ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से एक ज्ञापन के माध्यम से गोरखा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग करी है । इस बाबत उन्होंने आज उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत दस जिलों में जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया । भारतीय गोरखा परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल थापा ने बताया कि विगत 20 वर्षों से भारतीय गोरखा परिसंघ गोरखा समाज के लोगों को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग करता आ रहा है । लेकिन राज्य पिछड़ा आयोग के द्वारा लगातार उनकी मांगों को नकारा जा रहा है हालांकि उत्तर प्रदेश में उनकी संख्या 87500 से अधिक है लेकिन आयोग उनकी संख्या को शून्य बता कर उनकी मांग को निराधार साबित कर रहा है, जबकि देश के 13 राज्यों में गोरखा समुदाय को पिछड़ा वर्ग का दर्जा मिला हुआ है । आज इसी कारण के चलते उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत दस शहरों में मौजूद भारतीय गोरखा परिसंघ ने एक साथ एक समय पर इकट्ठा हो कर सभी जिलाधिकारी कार्यालयों में जिलाधिकारी के माध्यम से पिछड़ा आयोग को ज्ञापन प्रेषित किया है । जिससे गोरखा समुदाय की सही सही गिनती का अनुमान आयोग द्वारा लगाया जा सके और उनकी मांगों का आधार भी स्थापित हो सके ।

 

आज के ज्ञापन प्रेषण में भारतीय गोरखा परिसंघ की जिला अध्यक्षा उमा थापा समेत दर्जनों की संख्या में थापा कार्यकर्ता मौजूद रहे ।

 

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