कानपुर

 

आधी रोटी खाए बच्चों को ज़रुर पढ़ाएं

 

कानपुर 15 जनवरी खानकाहे हुसैनी के ज़ेरे एहतिमाम आले नबी औलादें अली हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी संजरी गरीब नवाज़ (रह०अलै०) की यौम ए विलादत पर जशन ए गरीब नवाज़ परम्परागत ढंग से खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की कर्नलगंज, ऊँची सड़क स्थित दरगाह पर शिक्षा का संदेश देकर मनाया गया।

तिलावते कुराने पाक से जशन ए गरीब नवाज़ की शुरुआत हुई जशन ए गरीब नवाज़ को खिताब करते हुए खादिम खानकाहे हुसैनी इखलाक अहमद चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज़ की यौम ए विलादत (जन्मदिन) इस्लामी कलैंडर के मुताबिक 14 रजब हिज़री 537 ईरान के संजर मे सादिक़ के वक्त पीर (सोमवार) के दिन हुई थी।

गरीब नवाज़ ने 9 साल की उम्र मे कुरान हिफ्ज़ कर लिया था। पैगम्बर ए इस्लाम हुज़ूर सरकार सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) ने गरीब नवाज़ से कहा था कि ऐ मोईनुद्दीन तू हमारे दीन का मोईन (मददगार) है। हमने हिन्द की खिलाफत तुझे अता की है। मुख्तार ए कायनात का हुक्म पाकर 586 हिजरी मे ख्वाजा गरीब नवाज़ हिंदुस्तान मे आये हिंदुस्तान की सरज़मीं से गरीब नवाज़ ने मोहब्बत, अमन, इंसानियत का 813 साल पहले भारत में प्रेम का ऐसा पैगाम दिया कि आज भारतवासियों के हृदय में उनमे आस्था है उनके दरबार मे सभी धर्मों के मानने वाले आते हैं। उनके जन्मदिन पर शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने का संदेश दिया गया। दीनी और दुनियावी तालीम हासिल करना बहुत ज़रुरी है आधी रोटी खाए बच्चों को ज़रुर पढ़ाएं।

खिताब के बाद दरुदों सलाम का नज़राना पेश कर नज़र व दुआ हुई दुआ के बाद खानकाहे हुसैनी के बाहर कैम्प लगाकर राहगीरों, बच्चों को मिष्ठान व शाम को चाय वितरण किया गया।

जशन मे इखलाक अहमद चिश्ती, परवेज़ आलम वारसी, मोहम्मद सैफ खान, एजाज़ अहमद, मोहम्मद युनुस खान, मोहम्मद वसीम, एजाज़ रशीद, महमूद आलम, हबीब आलम, मोहम्मद अज़हर, जमालुद्दीन फारुकी, शारिक वारसी, खादिम खानकाहे हुसैनी अफ़ज़ाल अहमद आदि लोग मौजूद थे।

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