कानपुर
व्यवस्था से त्रस्त दिव्यांगों ने ली जल समाधि
कानपुर इस हाड़ कपाऊ सर्दी में लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है…ऐसे में किसी दिव्यांग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिव्यांग पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बर्फीले पानी में जल समाधि लेना एक सामाजिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है…ऐसा सनसनीखेज वाकिया कानपुर के भैरव घाट और सरसैया घाट गंगा के किनारे राष्ट्रीय दिव्यांग पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार तब कर दिया जब दिव्यांगो के हितों की गुहार लगाते लगाते वे मजबूर हो गए।उनका यह आंदोलन यूं ही इस जगह पर नहीं आ गया है…बल्कि 13 महीने लखनऊ के।इको गार्डन में दिव्यांग जन अपनी मांगों को लेकर शासन से मांग कर रहे है…लेखक सरकार इतनी संवेदन हीन हो गई है…कि दिव्यांगो की सुनने वाला कोई नहीं है…इनकी मुख्य मांगे लेखपाल सेविकाओं की भर्ती में विसंगति तथा दिव्यांग पेंशन एक हजार से पांच हजार करने की है…हालांकि पुलिस ने समझा बुझाकर नाविकों और आस पास लोगों की मदद से उनको फिलहाल बाहर निकल कर उनका जीवन सुरक्षित कर लिया है…वहीं सरसैया घाट दिव्यांगों ने भी जल समाधि ली राष्ट्रीय दिव्यांग पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार जल समाधि में लंबे समय रहने के बाद उनकी हालत ठीक नहीं पुलिस ने औपचारिकता पूरी करते हुए उन्हें पूरी संवेदना के साथ आग में तपाया और उन्हें अब कोहना थाना रवाना हो गई। वही सरसैया घाट के मुख्य द्वार पर सैकड़ो की तादाद पर दिव्यांग अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे वहीं दिव्यांगों के इस प्रदर्शन पर एसीपी कोतवाली और पीएसी बल सरसैया घाट के मुख्य द्वार पर तैनात कर दिया गया दिव्यांगों की मांग थी कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार को रिहा किया जाए वही राष्ट्रीय दिव्यांग के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार का यह भगीरथ प्रयास दिव्यांगो को स्थाई मदद दिलाने में कारगर साबित होगा यह भविष्य के गर्व नहीं है।