अली- ख्वाजा का लंगर सभी धर्मों के लोगों ने चखा
कानपुर 19 जनवरी खानकाहे हुसैनी के ज़ेरे एहतिमाम रसूल ए खुदा के दामाद, इस्लाम के चौथे खलीफा, शेर ए खुदा हज़रत मौला अली (रजि०अ०) और हज़रत ख़्वाजा सैय्यद मोईनुद्दीन चिश्ती ग़रीब नवाज़ (रह० अलै०) का जशन ए विलादत परम्परागत ढंग से धूम-धाम, शान ओ शौकत के साथ मनाया गया।
दुआ मे खादिम खानकाहे हुसैनी इखलाक अहमद चिश्ती ने अल्लाह से मदीने वाले आक़ा, हज़रत अली, गरीब नवाज़ के सदके मे हम सबको हज़रत अली, गरीब नवाज़ के बताए हुए रास्तों पर चलने, नमाज़ की पाबंदी करने, हम सबके गुनाहों को माफ करने, हमारे मुल्क सूबे व शहर मे अमनो अमान कायम कर तरक्की देने, मासूम बच्चों बहू-बेटियों के साथ वहशी हरकत करने वालों को तबाह-बर्बाद करने की दुआ की व शादी में फिजूलखर्ची से बचने का संकल्प लिया।
दुआ के बाद खानकाहे हुसैनी के बाहर राहगीरों को लंगर, मिष्ठान व चाय का वितरण किया गया। लंगर सभी धर्म के लोगों ने चखा लंगर रात तक चलता रहा। नारे हैदरी, हिंदुस्तान ज़िंदाबाद हक़ मोईन या मोईन के नारे लंगर वितरण के दौरान लगते रहे।
जशन मे इखलाक अहमद चिश्ती, मोहम्मद मुनीर खान कादरी, सूफी मोईनउद्दीन चिश्ती, हाजी गौस रब्बानी, परवेज़ आलम वारसी, हाफ़िज़ कफील हुसैन, अबरार अहमद वारसी, मोहम्मद शाहिद चिश्ती, फाजिल चिश्ती, मोहम्मद फैज़ान रज़ा अज़हरी, मोहम्मद रज़ा खान, मोहम्मद हफीज़ चिश्ती, हाफ़िज़ मोहम्मद मुशीर कादरी, परवेज़ आलम, सैय्यद मोहम्मद तलहा, अयाज़ अहमद चिश्ती, एजाज़ रशीद, हिफज़ान खान, मोहम्मद वसीम, हबीब बादशाह, मोहम्मद जावेद कादरी, मोहम्मद ज़ुबैर कादरी, शहनवाज़ कादरी, मोहम्मद दानिश, जलील खान, शमशुद्दीन फारुकी, एजाज़ अहमद, खादिम खानकाहे हुसैनी अफ़ज़ाल अहमद आदि लोग मौजूद थे।