*कानपुर*
*अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की SEIL की यात्रा कानपुर में, पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक विरासत का होगा परिचय*
*एंकर:—अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पदाधिकारियों ने आज कानपुर प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है…जो अपनी स्थापना काल 9 जुलाई 1949 से छात्रों के सर्वांगीण विकास सामाजिक एवं शैक्षणिक उन्नयन तथा राष्ट्र के पुनर्निर्माण का कार्य करता आ रहा है । इसी संकल्प के चलते स्टूडेंट एक्सपीरियंस इन इंटर स्टेट लिविंग के तहत पूर्वोत्तर भारत के सेवन सिस्टर्स यानी कि अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम नागालैंड और त्रिपुरा के युवाओ को शेष भारत की सांस्कृतिक विरासत का परिचय कराने हेतु और भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए यात्रा का आयोजन करता है…जिसके माध्यम से पूर्वोत्तर के छात्रों को मौका मिलता है…कि वह देश के अन्य हिस्सों की संस्कृतिक परंपरा और सामाजिक जीवन को बेहतर तरीके से समझ सकें*
*वीओ:—इस तरह की यात्राओं से छात्रों के बीच भाईचारे और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है…अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन SEIL जीवन दर्शन की इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान की यात्रा इस वर्ष 24 जनवरी 2025 को कानपुर महानगर द्वारा मेजबानी की जाएगी इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के विभिन्न हिस्सों के छात्रों के बीच एकता अखंडता की भावना को बढ़ावा देना है…1965 में आचार्य गिरिराज किशोर की अध्यक्षता में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों की पहल पर स्थापित किया गया था । इस वर्ष 15 से अधिक मेजबान परिवारों को 30 से अधिक छात्रों की मेजबानी करने का अनुभव प्राप्त होगा कानपुर में आयोजित इस विशेष यात्रा के दौरान विभिन्न ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को देखने का अवसर भी मिलेगा इन स्थलों को इस यात्रा के माध्यम से छात्रों को स्थानीय संस्कृति इतिहास और जीवन शैली से परिचित कराना है…उसके साथ यात्रा में प्रत्येक छात्र को एक स्थानीय मेजबान परिवार के साथ जोड़ा जाएगा वहां उन्हें न केवल अतिथि के रूप में बल्कि परिवार के सदस्य के रूप में स्वागत किया जाएगा यह पहल छात्रों को विभिन्न सांस्कृतिक संस्कृतियों के बीच बेहतर समाज और मेलजोल का अवसर प्रदान करती है SEIL यात्रा ना केवल संस्कृतिक के आदान-प्रदान का मंच बनेगी बल्कि यह छात्रों के बीच विभिन्न राज्यों की विविधताओं और आपस में अखंडता को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी