बजट में प्रस्तावित जी०एस०टी० सम्बन्धी संशोधन पर टैक्स गोष्ठी सम्पन्न

 

कानपुर जी०एस०टी० में कर चोरी रोकने एवं इनपुट टैक्स क्रेडिट के कपट पूण ‘तरीक `से लाभ लेने में प्रभावी नियन्त्रण स्थापित करने हेतु एक नया तन्त्र ‘ट्रैक एवं ट्रेस’लागू किया जाएगा।

यह संवेदन शीलनामित वस्तुओं के निर्माण व बिकय पर लागू होगा।अधिसूचित व्यवसाय एवं नामित वस्तुआ में हर सामान की विशिष्ट डिजिटल पहचान होगी। नयी “धारा 148ए” के तहत उन वस्तुआ पर डिजिटल स्टाम्प अनिवार्य रूप से लगाना होगा। यूनिक आईडेन्टीफिकेशन मार्किंग लागू की जाएगी।

इन वस्तुओं के निर्माण में लगायी जा रही मशीनरी एवं उसके निर्माण के घंटे की जानकारी भी कारोबारिया को देनी होगी। उक्त जानकारी टैक्स बार एसोसिएशन कानपुर द्वारा आयोजित बजट टैक्स गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कर विशेषज्ञ सन्तोष कुमार गुप्ता ने बताया कि जी०एस०टी० में मुख्य संशोधन अपील दाखिल करने के मामले में “प्रि-डिपॉजिट जमा करने के नियम सुनिश्चित किये जा रहे हैं।

अब यह संशोधन किया गया है कि अपील दाखिल करने के लिये आरोपित अर्थदण्ड धनराशि का दस प्रतिशत प्रि-डिपॉजिट जमा करना होगा।प्लाण्ट पर रियलइस्टेट को आई०टी०सी० अनुमन्य की गयी। इस निर्णय को निष्प्रभावी करने के लिये पूर्व गामी प्रभाव एक जुलाई 2017 से संशोधन प्रस्तावित किया गया है शंका समाधान सत्र में वक्ता द्वारा अधिवक्ताओं की शंकाओ का समाधान किया गया। टैक्स गोष्ठी की अध्यक्षता अशोक कुमार अग्रवाल द्वारा की गयी। संचालन महामन्त्री अमित शुक्ला द्वारा किया गया। आभार संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्याम धवन ने व्यक्त किया। टैक्स गोष्ठी मे मुख्य रूपसे संजय गुप्ता, पंकज शुक्ला आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।

 

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