कानपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व न्यूरोलॉजी के डॉक्टर राघवेंद्र गुप्ता की मुश्किलें दिनों दिन बढ़ती जा रही है शान द्वारा उनकी जांच करने के बाद राजपाल के अनुमोदन लेने के बाद शासन के अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने उनके खिलाफ विभागीय जांच के साथ अनुशासन हैं कार्रवाई को आगे बढ़ते हुए आयुक्त कानपुर मंडल को और उनकी कमेटी को पुनः जांच करने के आदेश पारित कर दिए हैं इससे डॉक्टर राजेंद्र गुप्ता की मुश्किलें और बढ़ गई है और शासन के इस कड़े रूप से स्पष्ट हो चुका है कि उनकी बर्खास्त की भी हो सकती है और उनके खिलाफ मुकदमा भी काम कराया जा सकता है डॉक्टर राघवेंद्र गुप्ता के खिलाफ प्राइवेट प्रैक्टिस करने की शिकायत की जांच तत्कालीन आयुक्त द्वारा की गई थी जिसमें वह दोषी पाए गए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को शासन में लिखा गया था प्रचार डॉ संजय काला ने भी इनके खिलाफ कार्रवाई करने की संस्कृत कर शासन को भेजा था जिस पर डॉक्टर राघवेंद्र गुप्ता का तबादला झांसी मेडिकल कॉलेज कर दिया गया और अब उन पर पुणे दूसरी जांच बैठा दी गई है जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई है यह बहुत बड़ी गंभीर जांच है जब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ शासन द्वारा गठित की जाती है तो उसे पर कार्रवाई होना तय हो जाता है इस मामले की जांच भी आयुक्त कानपुर मंडल की कमेटी को सौंप गई है जिससे राघवेंद्र गुप्ता के भाग का फैसला तय होगा

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