*कानपुर नगर, दिनांक 06 फरवरी, 2025 (सू0वि0)*
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने आज अल्पसंख्यक विभाग द्वारा पी0एम0जे0वी0के0 के अन्तर्गत निर्माणाधीन सार्वजनिक बरात घर सद्भाव मण्डप का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि 02 करोड़ 25 लाख की उक्त परियोजना जनवरी 2020 में प्रारम्भ हुयी थी, जो अब तक पूर्ण नही हो पायी हैं। परियोजना के विलम्ब होने का कोई ठोस कारण नहीं मिला। यह भी उल्लेखनीय हैं कि अगस्त 2023 में ही पूरा पैसा विभाग को मिल चुका था। निरीक्षण के दौरान मण्डप के निर्माण की गुणवत्ता कम पायी गयी, पत्थर की जो टाइलिंग की गयी है उसका लेवल बराबर नहीं हैं। भवन में किया गया प्लास्टर अभी से निकल रहा हैं, बाहर की दीवारों पर नमी हैं, स्टील के फ्रेम में जंग लग चुकी हैं, पल्ले नहीं लगाये गये हैं व एंटी प्राइमर भी नहीं लगाया गया है। जिलाधिकारी ने इस पर वक्फ विकास निगम लि0 के अधिषाशी अभियन्ता रिजवान खान पर नाराजगी व्यक्त करते हुये, एम0डी0, वक्फ विकास निगम लि0 अंकित कुमार अग्रवाल से रिजवान खान व अन्य सम्बन्धित के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने व घटिया निर्माण कार्य की रिकवरी हेतु अनुरोध किया हैं।
गौरतलब है कि विगत 03 फरवरी को नवीन सभागार में संपन्न निर्माण कार्यो की बैठक के दौरान जिलाधिकारी द्वारा सद्भाव मण्डप के निर्माण कार्य में देरी व लापरवाही के लिये वक्फ विकास निगम लि0 के जे0ई0 सुनील कुमार का वेतन रोकने के निर्देश दिये गये थे फिर भी आज जब जिलाधिकारी ने मौके पर जाकर उक्त का निरीक्षण किया तब भी मण्डप के हालत दुरूस्त नहीं पायी गयी, जिस पर आज भी जिलाधिकारी ने अत्यन्त नाराजगी व्यक्त करते हुये आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश दिये।
इसके उपरान्त जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने प्राथमिक विद्यालय, वाजिदपुर (कम्पोजिट) का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री सिंह ने बच्चों से उनके नाम, विद्यालय में मिल रहे भोजन व ब्लैक बोर्ड पर घटाने के सवाल पूछे। उन्होंने यह भी पूछा कि अध्यापक समय से स्कूल आते हैं या नहीं, अध्यापक कैसा पढाते हैं व उन्हें किसी प्रकार की समस्या तो नहीं हैं। इस पर बच्चों ने जिलाधिकारी को बताया कि विद्यालय में शुद्ध पीने के पानी की समस्या हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने विद्यालय के 136 बच्चों व अध्यापकों के पीने हेतु शुद्ध जल की व्यवस्था हेतु आज ही आर0ओ0 लगवाने हेतु सम्बन्धित को निर्देश दिये। इसके अलावा अध्यापकों ने भी निकट ही चमड़ा उद्योग में निर्मित कच्चे चमड़े से दुर्गन्ध आने की शिकायत की, जिस पर जिलाधिकारी ने इस समस्या के निराकरण हेतु सम्बन्धित को आवश्यक निर्देश दिये।
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