नफरत की गंदगी.. को केवल .. मुहब्बत का पानी,, ही साफ कर सकता है।

 

 

 

 

कानपुर नगर का मशहूर इदारा, मदरसा मखदूमिया सिराजल उलूम जाजमऊ में 05 फरवरी 2025 की शाम को मदरसा से शिक्षा पूरी करने वाले छात्रों को दस्तार दी गई, तथा देश के जाने माने उलमा के हाथों उपाधियां सौंपी गई। विश्व प्रसिद्ध मदरसा जामिया अशरफिया मुबारकपुर के विख्यात वक्ता मौलाना मसऊद बरकाती ने अपनी तकरीर में साइंटिफिक सोच के साथ साइंसी विचारधारा से युक्त कुरान की तालीम हासिल करने की ताकीद की। मकराना राजस्थान से आये हुये मुफती शमसुददीन कादरी ने शादी विवाह और दूसरे त्योहारों पर फुजूल खर्ची से बचते हुये समाज के गरीब और असहाय लोगों की जरुरत पूरी करने तथा हर बच्चे को पढ़ाने पर जोर दिया। प्रिंसिपल मौलाना मुश्ताक साहब ने प्रेस रीलीज जारी करते हुये कहा कि हमारी यह कोशिश होती है कि समाज के गरीब व बेसहारा बच्चा भी तालीम से महरुम न रहे, तथा हमारे समाज में बढ़‌ती हुई नफरत की गंदगी को केवल मुहब्बत के पानी से ही साफ किया जा सकता है। इसलिए गंगा यमुनी संस्कृति को बचाये रखने के लिए मुहब्बत की शक्ति को समझने की जरुरत है, और यह काम केवल शिक्षा से ही मुमकिन है। जलसा की सरपरस्ती मौलाना सैयद मोहम्मद अकमल मिया ने की तथा सदारत के फरायज मुफती इलियास खां नूरी ने अंजाम दिये। जलसे को कामयाब बनाने में सदर नदीम खान, प्रबन्धक लईक खान और नायब सदर अफजाल अहमद का खास योगदान रहा। मौलाना जकरिया ने जलसे का संचालन किया तथा कमेटी व समाज सेवा समिति के सभी लोगों की मेहनत लायक तारीफ रही। जलसा सैयद मो० अकमल मियां अशरफी की दुआ के बाद खत्म हुआ।

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