सर्जिकल रोबोटिक्स अपनाने की दिशा में भारत की लंबी छलांग

 

वापी, गुजरात के मेरिल अकादमी में आयोजित रोबोटिक इनोवेशन समिट (आरआईएस) ने रोबोटिक-सहायता प्राप्त सर्जरी के क्षेत्र में सहयोग, नवाचार और खोज को ले कर एक शानदार आयोजन की मेजबानी की। इस एक दिन के आयोजन में दुनिया के कुछ सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सर्जन एक मंच पर साथ आए। इस कार्यक्रम में मेरिल के ग्राउंडब्रेकिंग एआई-पावर्ड जॉइंट रिप्लेसमेंट रोबोटिक सिस्टम मिसो पर प्रकाश डाला गया और पूरे भारत में सर्जिकल परिशुद्धता और रोगी परिणाम पर इसके बढ़ते प्रभाव को प्रदर्शित किया गया।

मिसो के साथ जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में क्रांतिकारी बदलाव:

समिट के केंद्र में मिसो था। मिसो को जून 2024 में लॉन्च किया गया था और यह बहुत ही कम समय में पूरे भारत में 50 से अधिक इंस्टॉलेशन के साथ धूम मचा रहा है। मिसो की उन्नत एआई-आधारित क्षमताएँ, जिसमें रीयल-टाइम एनालिटिक्स और सटीक संरेखण शामिल हैं, उपस्थित लोगों के समक्ष प्रदर्शित की गईं। लोगों लो इस बारे में अद्भुत जानकारी मिली कि यह तकनीक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी को कैसे बदल रही है।

मेरिल के मुख्य विपणन अधिकारी मनीष देशमुख ने कहा, “मेरिल ने हमेशा स्वास्थ्य सेवा नवाचार में सबसे आगे रहने का प्रयास किया है। मिसो न केवल एक तकनीकी सफलता का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि भारत में सर्जिकल देखभाल को बदलने की हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रतिनिधित्व करता है। रोबोटिक इनोवेशन समिट एक सहयोगी, भविष्य के लिए तैयार पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के हमारे दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है जो सर्जन और रोगियों दोनों को लाभान्वित करता है।”

मिसो के अलावा, इस शिखर सम्मेलन में मेरिल की मजबूत आरएंडडी परियोजनाओं पर प्रकाश डाला गया, जिसमें यूनी-नी रिप्लेसमेंट, टोटल हिप रिप्लेसमेंट, ट्रौमा और रीढ़ की सर्जरी में प्रगति शामिल है। ये प्रयास मेरिल की निरंतर नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता और सबसे चुनौतीपूर्ण शल्य चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए रोबोटिक समाधानों का विस्तार करने पर इसके फोकस को दर्शाते हैं।

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