18वां यौम ए आबरु अहले सुन्नत मनाया गया।
कानपुर 16 फरवरी अपने परम्परागत ढंग से कायदे अहले सुन्नत आबरु मिल्लत हज़रत अल्लामा मोहम्मद अब्दुस्समी क़ाज़ी ए शहर व मुफ्ती आज़म के सालाना फातिहा यौम ए आबरु अहले सुन्नत शान ओ शौकत उमंग तरंग के साथ मनाया गया।
बाद नमाज़े फज़िर कुरानख्वानी हुई जलसे का आगाज़ कुरान-ए-पाक की तिलावत से हाफ़िज़ मोहम्मद कफील ने किया नातो हम्द व मनकबत उलेमाओं ने पेश की।अल्हाज मोहम्मद अहमद साहब की सरपरस्ती व सदारत क़ाज़ी ए शहर मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही कानपुर ने की। यौम ए आबरु अहले सुन्नत में असगर अली यार अल्वी ने कहा कारी समी साहब एक अहम शख्सियत के मालिक थे आप अपनों और गैरों में एक जैसा व्यवहार करते थे। हज़रत मुफ्ती मोहम्मद हनीफ बरकाती ने कहा कारी समी साहब जैसी शख्सियत सदियों में पैदा होती है आप जहां एक बुलंद नायाब आलमे दीन थे वहीं कौम की खिदमात में हमेशा आगे रहे। मुफ्ती जुनैद अहमद बरकाती मिस्बाही ने कहा समी साहब ने अपना सारा जीवन कौम और मिल्लत की सेवा में समर्पित कर दिया हर मुश्किल में वो सबसे पहले आगे आते थे। कारी कासिम हबीबी बरकाती ने कहा समी साहब को अल्लाह ने धड़कता हुआ दिल दिया जो कौम की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते थे। नात मनकबत जहीर कानपुरी, कारी फैसल अलीमी, कलीम दानिश बरकाती, कारी अब्दुल रशीद, कारी मुहम्मद तैय्यब, हाफिज़ मुहम्मद शाहिद और आसिफ रजा हबीबी ने पेश की। इस मौके पर मुफ्ती रफी अहमद निज़ामी मिस्बाही, मौलाना तहसीन रज़ा, मौलाना गुलाम मुस्तफा, कारी अब्दुल मुत्तलिब, कारी सगीर आलम हबीबी, कारी अब्दुल रहीम बहराइची, कारी मुहम्मद अय्यूब, कारी गुलाम साबिर, कारी सफदर रज़ा, कारी मंसूर, मौलाना इंतखाब, कारी मतलाब, मौलाना शाह आलम, हाफिज फिरोज़, कारी अबरार अहमद, हाफिज वाहिद अली, मौलाना जहूर आलम, हाजी मुहम्मद अहमद, हाजी मुनव्वर अल गनी, हाजी मुहम्मद शोएब, शबिया कुद्दूस, मुहम्मद रशीद, हाजी मुहम्मद आमिर, इस्लाम खान आज़ाद आदि मौजूद रहे।